मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन लोगों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है जो सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी संदेश फैलाते हैं.
दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने के बाद कोविड-19 के मामलों में इजाफे को देखते हुए सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण संदेशों के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने वालों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के अलावा बांटने वाला भी एक वायरस है. मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि कोई कानून आपको न बचा पाए.’
एक बेव प्रसारण में मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक, धार्मिक या खेलकूद से जुड़े कार्यक्रमों की अगले नोटिस तक इजाजत नहीं होगी ताकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लोगों का आपस में मिलना-जुलना न हो.
ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस संकट को संभालने का एक मात्र समाधान घरों के अंदर रहना और सामाजिक दूरी बरकरार रखना है.
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस हमारे साथ धैर्य का खेल खेल रहा है. राज्य के लोगों में साहस, अनुशासन और भरोसे की कोई कमी नहीं है. (संकट की घड़ी में) आत्म विश्वास महत्वपूर्ण है. यह मुझमें है और मुझे पता है कि आपमें भी है. अगर आपमें आत्मविश्वास है तो कोई भी (कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में) हमारी जीत रोक नहीं सकता.’
उन्होंने कहा, ‘मैं बंद के दौरान विनम्रता पूर्वक लोगों से अनुशासन और सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध करता हूं. ऐसा इसलिये क्योंकि मैं आपको बचाना चाहता हूं. कृपया घरों में रहें. अनुचित लाभ न लें.’
मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 के मामलों की बढ़ने की वजह निजी प्रयोगशालाओं से आ रही रिपोर्टों को बताया जिन्हें नमूनों के परीक्षण की इजाजत दी गई है.
उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 के 51 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.
मुख्यमंत्री ने किसी कार्यक्रम की इजाजत नहीं देने पर जोर देते हुए कहा कि हमने गुडीपडवा और रामनवमी घरों में रहकर मनाई और मुझे विश्वास है कि अन्य समुदाय भी ऐसा करेंगे.
ठाकरे ने कहा कि दिल्ली से राज्य के तबलीगी जमात के उन सदस्यों की सूची मिली थी जिन्होंने निजामुद्दीन में पिछले महीने धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. उन्हें पृथक वास में रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई छूट गया है तो उन्हें खुद आगे आना चाहिए.’

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