आजकल की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। लेकिन अब भारतीय लोगों के औसत वजन का मानक बदल दिया गया है। जिसमें 5 किलो की बढ़ोतरी कर दी गई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition – NIN) ने वजन के मानक में 5 किलो और बढ़ा दिया है। अब पुरुषों का औसत वजन 65 किलोग्राम कर दिया है और महिलाओं का औसत वजन 55 किलोग्रम कर दिया है। साल 2010 में यह औसत वजन महिलाओं को लिए 55 किलोग्राम और पुरुषों के लिए 60 किलोग्राम था। कुल मिलाकर 10 साल में मानक में बदलाव कर दिया गया। यानी देश के लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (Boday Mass Index – BMI) अब बदल गया है। अब आदर्श (Ideal) स्थिति में महिलाओं और पुरुषों के वजन में 5-5 किलोग्रम की बढ़ोतरी कर दी गई है।
इसी तरह वजन के साथ-साथ भारतीय पुरुष और महिलाओं की हाइट में भी बदलाव कर दिया है। NIN के मुताबिक, अब भारतीय पुरुषों की हाइट 5 फीट 8 इंच कर दी गई है। जबकि महिलाओं की हाइट बढ़ाकर 5 फीट 3 इंच कर दी गई है। साल 2010 में यह मानक पुरुषों के लिए 5 फीट 6 इंच और महिलाओं के लिए 5 फीट रखी गई थी। यानी 10 साल बाद साल 2020 में हाइट में भी बदलाव कर दिया गया है।
क्यों बढ़ा BMI
NIN के वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय लोगों के BMI में बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि देश के लोगों में पोषक खाद्य (Nutritional Food) पदार्थों के सेवन में बढ़ोतरी हुई है। इस साल के डेटा में ग्रामीण इलाकों को भी शामिल किया गया है। 10 पहले की गई स्टडी में केवल शहरी इलाके के लोगों को शामिल गया गया था।
रेफरेंस उम्र में भी हुआ बदलाव
NIN ने जारी की अपनी रिपोर्ट में भारतीयों के लिए पोषण आहार (Recommended Dietary Allowance) और अनुमानित औसत आवश्यकता (Estimated Average Requirement – EAR) की सिफारिशों में भी बदलाव किया है। देश के महिलाओं और पुरुषों के रेफरेंस एज (Reference Age) को भी बदला गया है और इसे 2010 के 20-39 की जगह अब 19-39 कर दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 1989 की विशेषज्ञ कमिटी (Expert Committee) ने केवल बच्चों और किशोरों (Adolescents) का ही वजन और हाइट शामिल किया था। 2010 की दूसरी विशेषज्ञ कमिटी ने केवल 10 राज्यों के सैंपल ही लिए थे। दोनों कमिटी पुरुषों के रेफरेंस वजन 60 किलो माना और महिलाओं में 50 किलो। अब 2020 में एक्सपर्ट्स के पैनल ने पूरे देश से डेटा लिया और इसमें तमाम संस्थानों की गई स्टडी को ध्यान में रखा। पहली बार ICMR एक्सपर्ट कमिटी ने फाइबर आधारित (fiber Based) एनर्जी पोषक तत्व को भी ध्यान रखा।