चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इन आंकड़ों को हैक, कॉपी या फिर चोरी से बचाने के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठाएगा।
क्यों पड़ी जरूरत?
अगस्त 2019 में चुनाव आयोग ने लॉ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर आधार एक्ट, 2016 और रीप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट में बदलाव करने को कहा था। चुनाव आयोग ने कहा था कि इस संशोधन के बाद उसे आधार और वोटर आईडी को लिंक करने का कानूनी अधिकार होगा।
चुनाव आयोग के पत्र का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सितंबर में कहा था कि चुनाव आयोग की डिमांड सुप्रीम कोर्ट के बेंचमार्क टेस्ट को पास करती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए आधार अनिवार्य है। इसके अलावा भी आधार मांगा जा सकता है लेकिन वह अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें आधार की गोपनीयता सुरक्षित रखने को कहा था।