पटना (IP News). आल इंडिया रेलवे मेंस रेलवे फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कि फैडरेशन के रहते भारतीय रेल के निजीकरण का सपना कभी पूरा नहीं होने वाला है। हमने पहले भी कुर्बानी दी है, अब भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। निजीकरण से रेल को बचाने के लिए एक संयुक्त संघर्ष समिति (एनसीसी आरएस ) का गठन हो चुका है। जल्द ही जोन स्तर पर इसका गठन कर देशव्यापी जन आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। महामंत्री श्री मिश्रा ईस्ट सेंट्रल कर्मचारी यूनियन के द्वितीय त्रैवार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान केंद्रीय पदाधिकारियों के चुनाव में सर्वसम्मति से डीके पांडेय को अध्यक्ष और एसएनपी श्रीवास्तव को महामंत्री चुनाव गया।
अधिवेशन का उद्धघाटन करते हुए फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने भारतीय रेल के हालात की विस्तार से चर्चा की और कहाकि रेल के निजीकरण का वैसे तो पहले की सरकारों ने प्रयास किया। अब एक बार फिर केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा भी ऐसा ही किया जा रहा है। सरकार रेल का निजीकरण और उत्पादन इकाइयों को निगमीकरण के साथ ही प्रिंटिग प्रेस को बंद करना चाहती है। इसके अलावा हमारे कारखानों को निगमीकरण के बाद उत्पादन इकाइयों के अधीन एन्सेनटेलरी यूनिट बनाना चाहती है। फेडरेशन ने साफ कर दिया है कि हम ये कतई मंजूर नहीं है, अगर सरकार ने जबरदस्ती की तो देश भर में रेल का चक्का जाम कर रेल को बचाने के लिए भारतीय रेल के कर्मचारी रेल यात्रियों के साथ मिलकर मैदान में उतर जाएंगें।
महामंत्री ने रेल कर्मचारियों खासतौर पर युवा रेलकर्मियों का आह्वान किया कि वो संघर्ष के लिए तैयार रहें,क्योंकि रेल को बचाने के लिए संघर्ष के अलावा कोई चारा नहीं है। महामंत्री ने कहाकि जब रेल ही नहीं रहेगी तो हमारी मांगे कहां रहेगी? इसलिए हमें सबसे पहले रेल को बचाने के लिए लड़ना होगा। सरकार चाहती है कि यूनियन को भी समाप्त कर दिया जाए। इसीलिए श्रम कानूनों में कर्मचारी विरोधी बदलाव किए गए हैं। बहरहाल सरकार जो चाहे करे, हम अपनी ताकत के बल पर रेल को भी बचाएंगे और कर्मचारियों के मांगो की भी रक्षा करेंगे।
ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने अधिवेशन में यूनियन की वार्षिक रिपोर्ट पेश किया और कहा कि निजीकरण के खिलाफ हमारे साथी कर्मचारी हर संघर्ष में आगे रहेंगे। उन्होंने कहाकि जहां तक पुरानी पेंशन की बहाली के लिए युवा संघर्ष के लिए तैयार हैं, जो भी आह्वान किया जाएगा, हम सब उसमें आगे बढ़कर हिस्सा लेंगे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जहां तक संगठन की मान्यता का चुनाव है, सभी जानते हैं एआईआरएफ ही एक मात्र ऐसा फेडरेशन है जिसके नेता ईमानदार और कर्मचारियों का हित सोचने वाले हैं। यूनियन के अध्यक्ष डी के पांडेय ने कहाकि हमारी यूनियन को खत्त करने की बहुत कोशिशें हुई, लेकिन रेलकर्मचारियों की ताकत के आगे हमें अपने अस्तित्व को बचाए रखने में कामयाब रहे हैं।
इस अधिवेशन में यूनियन का त्रैवार्षिक चुनाव भी हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से डीके पांडेय अध्यक्ष, एसडी मिश्रा व मिथिलेश कुमार कार्यकारी अध्यक्ष, बिन्दू कुमार, आर के मंडल, संजय कुमार मंडल, वीरेन्द्र प्रसाद यादव, केदार प्रसाद उपाध्यक्ष, एसए पी श्रीवास्तव महामंत्री, मुहम्मद जियाउद्दीन अतिरिक्त महामंत्री, ओम प्रकाश, मनीश कुमार, के के मिश्रा, रमेश चंद्रा, सहायक महामंत्री, वी डी सिंह, पीके मिश्रा, बीबी पासवान, मनोज कुमार पांडेय, मृदुला कुमारी, एसके भारद्वाज, चंद्रशेखर सिंह सहायक सचिव और ओम प्रकाश शर्मा कोषाध्यक्ष चुने गए।