कोरोना लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार सुबह 6 बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान और पूजा-अर्चना के बाद खोल दिए गए। कोराना संकट के चलते यह पहला मौका रहा, जब कपाट खुलने पर बाबा के दरबार में भक्तों की कमी रही। कपाट खुलने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न कराई गई। भोर तीन बजे से मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना हुई। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा की समाधि पूजा के साथ अन्य सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गईं। इसके बाद तय समय पर सुबह 6़.10 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए। कोरोना लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुयों को दर्शन करने की इजाजत नहीं है। सरकार के अग्रिम आदेशों तक धाम में सिर्फ बाबा की नित्य पूजा की जाएंगी। श्रद्धालुओं के आने-जाने पर रोक रहेगी।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने कहा, “सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान केदारनाथ का जलाभिषेक किया। कपाट खुलने के बाद सर्व प्रथम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई।”

उन्होंने आगे कहा कि कपाट खुलने के उपलक्ष्य में ऋषिकेश के दानीदाता सतीश कालड़ा द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल गैंदा, गुलाब एवं अन्य फूलों से सजाया गया था। रात्रि को मंदिर बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान पिछले वर्षो की भांति सेना का बैंड शामिल नहीं हुआ और बेहद सादगी के साथ मंदिर के कपाट खुले।

गौरतलब है कि केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में चौदह दिनों के क्वारंटाइन में हैं। उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की संपूर्ण प्रक्रियाओं का निर्वहन किया।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश चंद्र गौड़ ने कहा, “कोरोना की गंभीरता को देखते हुए सीमित संख्या में बोर्ड कर्मियों, हकूकधारी तीर्थ पुरोहितों एवं प्रशासन के लोगों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है।”

गौड़ ने कहा, “केदारनाथ के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार धामों में से तीन के कपाट खुल गए हैं। श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं, जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।”

देश कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में है, ऐसे में सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन काफी सहज तरीके से किया जा रहा है, ताकि बंद के नियमों के पालन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। भीड़-भाड़ न हो, इसको देखते हुए सरकार और प्रशासन ने केदारनाथ में सामान्य तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

  • Website Designing