कोरबा (IP News). साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा परियोजना सालाना 53 मिलियन टन कोयला उत्पादन की ओर अग्रसर है। 2019- 20 में 42 मिलियन टन से ज्यादा का प्रोडक्शन हुआ था। कुसमुंडा माइंस कोल इंडिया लिमिटेड के मेगा प्रोजेक्ट्स की सूची में शामिल है। बावजूद इसके कुसमुंडा खदान के कामगार और उनके परिवार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। मेगा प्रोजेक्ट का दर्जा मिलने के बाद भी यहां हॉस्पिटल नहीं है। कामगार इलाज के लिए कुसमुंडा एरिया के आदर्शनगर व विकासनगर में स्थित डिस्पेंसरी पर आश्रित हैं। इन डिस्पेंसरी में केवल प्राथमिक उपचार ही मिल पाता है। आगे के इलाज के लिए कामगारों को कोरबा मेन हॉस्पिटल की दौड़ लगानी पड़ती है। एसईसीएल के मेन हॉस्पिटल में भी पर्याप्त इलाज व सुविधाओं का अभाव है। कुसमुंडा खदान तेजी से विस्तार हो रहा है, लेकिन प्रबंधन डिस्पेंसरी का उन्नयन कर इसे अस्पताल में तब्दील कर स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने को लेकर गंभीर नहीं है। जबकि हॉस्पिटल प्रारंभ करने को लेकर निरंतर मांग उठ रही है। सीटू नेता वीएम मनोहर ने कहा कि मेगा प्रोजेक्ट का दर्जा मिलने के कारण मेन पावर में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में हॉस्पिटल शुरू करते हुए उपचार के सभी स्तर की व्वयस्था करना जरूरी हो गया है।
10 अक्टूबर को करेंगे हड़ताल
इधर, मौजूदा चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को लेकर कुसमुंडा एरिया के ट्रेड यूनियन सीटू, बीएमएस, एचएमएस, इंटक ने जीएम को एक दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया है। यह हड़ताल 10 अक्टूबर को की जाएगी। सयुंक्त केंद्रीय श्रमिक संगठन ने 27 अगस्त को चिकित्सा संबंधी समस्याओं से प्रबंधन को अवगत कराया था तथा 15 दिवस के भीतर व्यवस्था दुरुस्त करने एवं मांगों के निराकरण का अल्टीमेटम दिया था। इस ओर प्रबंधन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।