कोलकाता। आईआईएम से कोयला अधिकारी अब एक वर्ष का प्रबंधन में स्नातकोत्तर कोर्स कर सकेंगे। कोल इंडिया बोर्ड ने इसके लिए स्पांसरशिप प्रोग्राम को हरी झंडी दी है। कंपनी के खर्चे पर कोयला अधिकारियों को यह सुविधा मिलेगी। अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, कोलकाता और इंदौर स्थित आईआईएम संस्थान में अध्ययन की सुविधा मिलेगी। कोल इंडिया की ओर से सभी अनुषंगी कंपनियों को पत्र लिख आगे की कार्रवाई का आदेश दिया।
एक साल में 16 अधिकारी को यह सुविधा मिलेगी। हर अनुषंगी कंपनी से दो-दो अधिकारी लाभ ले सकेंगे। चयन के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया गया है। कई स्तरों एवं मानकों को पूरा करनेवाले अधिकारी ही इस अवसर का लाभ ले सकेंगे। आवेदन से लेकर अन्य प्रक्रिया के बारे में कंपनी की वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
खास बातें
- पाठ्यक्रम का पूरा खर्च कंपनी वहन करेगी। इस दौरान कोयला अधिकारियों को वेतन सहित तमाम सुविधाएं जारी रहेंगी। मेडिकल सुविधा में भी किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी
- सिर्फ ई-4 से ई-6 के अधिकारी ही पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकेंगे। यानी उक्त पाठ्यक्रम का लाभ प्रबंधकीय क्षमता बढाने के लिए होगा
- आवेदक अधिकारी को कम से कम पांच साल नौकरी पूरी की हो। साथ ही दस साल नौकरी शेष होनी चाहिए रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े अधिकारी योग्य नहीं होंगे
- भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों को भी मौका नहीं मिलेगा। जिन अधिकारियों को चार्जशीट हुई हो, चार्जशीट लंबित हो या फिर तीन साल के अंदर किसी मामले में पेनाल्टी (दंडित) हुए हो वे भी अयोग्य होंगे
source : Hindustan