नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदस्यों से कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दें और पार्टी को संकट से उबारने के लिए प्रयास करें। साथ ही बैठक में सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी को लेकर चर्चा जारी है। कई वरिष्ठ नेताओं ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले पार्टी मुख्यालय के बाहर कांग्रे कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और गांधी परिवार से ही किसी को अध्यक्ष बनाने की मांग की।
कार्यसमिति की बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी के उस आरोप का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने बीजेपी की मदद करने का आरोप लगया। सिब्बल ने कहा, ”राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया। भाजपा सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव। पिछले 30 सालों ने कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी “हम भाजपा से मिले हुए हैं!”
Rahul Gandhi says “we are colluding with BJP“…Last 30 years have never made a statement in favour of BJP on any issue. Yet “we are colluding with the BJP“: Congress leader Kapil Sibal in a tweet pic.twitter.com/DGUboBswkd
— ANI (@ANI) August 24, 2020
कार्यसमिति की बैठक में गुलाम नबी आज़ाद ने पत्र लिखने के कारण बताए साथ ही इस्तीफे की भी पेशकश की। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वह इस्तीफा दे देंगे अगर वह किसी भी तरह से भी भाजपा की मदद कर रहे थे या दूसरे के इशारे पर ऐसा कर रहे थे।
Ghulam Nabi Azad, during CWC, says he will resign if Rahul Gandhi's "collusion with BJP" remark can be proven: Sources
— ANI (@ANI) August 24, 2020
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान कहा कि पत्र को उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। इस पर चर्चा करने के लिए सीडब्ल्यूसी सही स्थान था।
कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी की टाइमिंग को गलता बताया। उन्होंने कहा कि जब वह अस्पताल में भर्ती थी, तब पत्र क्यों भेजा गया। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चिट्ठी से आहत हूं।
कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बने रहने के लिए आग्रह किया। एके एंटनी ने कहा कि आलाकमान को कमजोर करना पार्टी को कमजोर करना है। कोई सहयोगी कैसे ऐसा पत्र लिख सकता है।