कोरबा (आईपी न्यूज)। शुक्रवार को देश के केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने काॅमर्शियल माइनिंग, कुछ राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव सहित अन्य मुद्दों को लेकर विरोध दिवस मनाया गया और कार्यस्थलों प्रदर्शन किया गया। संयुक्त केन्द्रीय श्रमिक संगठन के बैनर तले हुए इस एक दिवसीय आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह के नेतृत्व में एटक, एचएमएस, इंटक, सीटू द्वारा प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन महाप्रंबंधक (कार्मिक/प्रशासन) एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को सौंपा गया। इसी प्रकार एसईसीएल के सभी क्षेत्रिय महाप्रबंधक कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, कोरबा, बैकुंठपुर, चिरमिरी, सोहागपुर, हसदेव, विश्रामपुर, रायगढ़, जोहिला, जमनाकोतमा, भटगांव आदि क्षेत्रों में केन्द्रीय ट्रेड यूनियन एटक, एचएमएस, इन्टक, सीटू ने प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेखित मांगे:
भारत सरकार के मजदूर विरोधी, जन विरोधी, सार्वजानिक उपक्रम विरोधी नीतियों कामर्शियल माइनिंग, खदानों के लीज स्थानांतरण, 50 कोल ब्लॉक का आवंटन, कारपोरेट घराने को लाभ पहुंचाने का षड्यंत्र, श्रम कानून में परिवर्तन कर 12 घंटे काम की अवधि तक काम कराने के अध्यादेश तथा संस्थानों में 16 घंटे तक काम करने की बाध्यता को वापस करने, रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 से 74 प्रतिशत करने के खिलाफ, 6 हवाई अड्डे बेचने के खिलाफ, प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित सरकारी संसाधन से उनके घर पहुंचाने, रास्ते में दुर्घटना या बीमारी से मारे गए समस्त मजदूरों के परिवार को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा देने, जिनके मां-बाप दुर्घटना में मारे गए हैं उनके बच्चों की पालन पोषण एवं शिक्षा एवं रोजगार की गारंटी शासन करें, प्रवासी मजदूरों को प्रतिमाह 8 किलो चावल 5 किलो आटा 3 किलो दाल 2 किलो चना तथा 7500 रुपए प्रतिमाह उनके खाते में डाला जाए, सरकार के घोषणा के अनुरूप करोना के कारण उद्योग में काम से बैठे समय का मजदूरी का भुगतान उद्योग या संस्थान करें, जिन मजदूरों चाहे कोयला उद्योग के मजदूर हो, दूसरे उद्योगों में कार्यरत मजदूर हो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशाकर्मी, उषा, रसोईया का सम्मानजनक प्रोत्साहन राशि दिया जाए, इस बीच यदि उनमें से किसी की मौत हो जाती है तो 50 लाख की बीमा राशि दिया जाए, मनरेगा की अवधि गांव एवं शहरी क्षेत्र दोनों में साल में 200 दिन करने तथा मजदूरी प्रतिदिन 500 करना इत्यादि।