तीन से चार साल में होगी कोयला की कमी की भरपाई
कोयला खनन क्षेत्र में लाये गये अध्यादेश को सबसे बड़े सुधारों में से एक बताते हुए जोशी ने पीटीआई – भाषा के साथ एक विशेष बातचीत में कहा , ” वैकल्पिक आयात (पर रोक) से कोयला की जो भी कमी होगी हम उसकी तीन से चार साल में भरपाई करना चाहते हैं। यह 2023-24 तक हो सकता है। हम कोयला के बदले में होने वाले आयात को रोकना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में ‘ खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश -2020 जारी करने को मंजूरी प्रदान की है। इसके जरिये खान एवं खनिज (विकास एवं विनियम) अधिनियम -1957 और कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम -2015 (सीएमएसपी) में संशोधन किया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया , ” इन सभी में कई और दिक्कतें भी थीं। सीएमएसपी कानून में अंतिम उपयोगकर्ता से जुड़े प्रतिबंध के साथ और भी कई समस्याएं थी। इन सभी समस्याओं को खत्म किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश जारी करने का कोयला क्षेत्र ने भी स्वागत किया है। सरकार ने कोयला खानों की नीलामी को लेकर नियमों से जुड़े मसौदे पर लोगों से टिप्पणियां मांगी हैं। यह मसौदा सार्वजनिक किया जा चुका है।
कोयला मंत्री ने कहा , ” हम इसे (कोयला खान नीलामी के नियम) निवेशकों के अनुकूल बनाना चाहते हैं। इन नियमों के बनने के बाद और बाकी सब काम होने के बाद हम दुनिया के लिए इस तरह का बाजार बनाना चाहते हैं जहां सब प्रक्रियाएं आसान हों। आप यहां आइये और अपना काम कीजिए। उन्होंने कहा , ” मैं यह कह सकता हूं कि आज की तारीख में हमारे पास 100 बिलकुल नयी खाने हैं। इनमें खोज कार्य पूरा किया जा चुका है। हम इनकी तत्काल नीलामी कर सकते हैं। जोशी ने कहा कि इन खानों की नीलामी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि पहले चरण में कितने ब्लाक की नीलामी होगी? जवाब में उन्होंने कहा, ”फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता, इस बारे में अभी चर्चा होनी है।
उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि कोयला क्षेत्र में सरकार की हाल की पहल से देश में एक सक्षम ऊर्जा बाजार बनेगा और कोयला आयात कम होने के साथ ही प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। हालांकि , इस नई पहल से कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड का एकाधिकार समाप्त हो जायेगा।
इस बारे में कोयला मंत्री ने कहा , ” हम कोल इंडिया को मजबूत बनाने के लिये प्रयास कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि कोल इंडिया 2023- 24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करे … हम चाहते हैं कि कोल इंडिया अपना काम करे , बेहतर करे … शेष 40 – 50 करोड़ टन जो भी कमी होगी वह निजी क्षेत्र देख लेगा। देश के कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं देश में 2018- 19 में 23.50 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया।