कोरबा (IP News). छग अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 लागू होने के बाद पहली बार जिले में इसको लेकर बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में अधिनियम के तहत गठित जिला फीस समिति के सदस्य तथा निजी विद्यालय प्रबंधन, अभिभावक एवं नोडल अधिकारियों की उपस्थिति हुई। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया ने की। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय ने उपस्थितजनों को अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी।

विद्यालय फीस समिति के गठन और फीस के निर्धारण को लेकर बताया गया। अपर कलेक्टर ने उच्च न्यायालय द्वार फीस को लेकर दिए गए के आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 अवधि में निजी स्कूलों द्वारा छात्रों से केवल शिक्षण शुल्क ही लिया जाएगा। अपर कलेक्टर ने निजी विद्यालय प्रबंधन से कहा कि वे किसी भी छात्र को आॅनलाइन शिक्षण से वंचित नहीं करेंगे।

यदि कोई छात्र आनालाइन प्रणाली से नहीं जुड़ पा रहा है उन्हें अन्य माध्यम से शिक्षण सामग्री प्रदाय की जाएगी। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी भी संस्था द्वारा छात्र के अध्ययन कार्य में रूकावट डाली गई तो उसके खिलाफ लागू सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। अपर कलेक्टर ने पालकों से कहा कि जो सक्षम हैं वे निर्धारित शुल्क का भुगतान करें ताकि निजी विद्यालय प्रबंधन को शिक्षकों और अन्य कर्मियों के वेतन भुगतान में दिक्कत न हों।

अपर कलेक्टर ने निजी विद्यालय प्रबंधन से कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार किसी भी शिक्षक और कर्मी का वेतन नहीं रोका जाएगा और न ही इसमें कटौती की जाएगी।

विद्यालय फीस समिति को बतानी होगी आय- व्यय की जानकारी

जिला फीस समिति के सदस्य एवं जिला कोषालय अधिकारी ने बताया कि फीस निर्धारण के पूर्व आय-व्यय का लेखा जोखा विद्यालय फीस समिति के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही प्रत्येक मद के व्यय के विवरण की जानकारी भी दी जाएगी। संस्था न लाभ न हानि के सिद्धांत पर संचालित है। इसलिए शुल्क की राशि न ही बचत और न ही फिक्स के रूप में जमा की जा सकती है।

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