रायपुर (आईपी न्यूज़)। कोरोना वायरस और उसके संक्रमण के भय से मानव समुदाय जूझ रहा है। सभी के चेहरे पर भय की लकीर साफ साफ दिखाई दे रही है। ऐसे दौर में कोरोना वायरस से संभावित खतरे को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने प्रदेश में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून 10 सेवाओं पर लागू कर दिया है। इसमें बिजली आपूर्ति भी शामिल है। ऐसे दौर में पुरुष अधिकारियों के साथ साथ महिला अधिकारियों- कर्मचारियों द्वारा बिजली व्यवस्था को बनाए रखने में साहस के साथ सहभागिता दी जा रही है। महिला कर्मियों के साहस को इस अवसर पर सलाम करने की आवश्यकता है ।छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी की अनेक महिला अभियंताओं के कंधे पर इस वक्त रायपुर शहर की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने की जबरदस्त जिम्मेदारी है। रायपुर शहर में लगभग साढे तीन लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। इनसे जुड़े बिजली विषयक कामों का बखूबी निर्वहन करते हुए हंसती मुस्कुराती महिला अभियंता अभियंता अपनी ड्यूटी पर निष्ठा पूर्वक तैनात हैं।
अतिरिक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क विजय मिश्रा ने बताया कि रायपुर शहर को विद्युत व्यवस्था की दृष्टि से दो भागों में बांटा गया है ।नगर बृत्त एक और नगर वृत्त दो। इन दोनों बृत्तों के अधीन 33 /11 के वी के करीब 83 उप केंद्र तथा उनसे संबद्ध 84 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। इन प्रणालियों के माध्यम से शहर की बिजली व्यवस्था को बहाल रखने में उच्चाधिकारियों के साथ दस महिला अभियंताओं की टीम अपनी कार्य दक्षता को व्यक्त करने में जुटी है। कल कल रात आंधी तूफान वर्षा के कारण विद्युत प्रणालियों में गड़बड़ी आई जिसका सुधार कार्य करने में विद्युत कर्मी रात 2:00 बजे तक जूते रहे। ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्यरत महिला अभियंताओं में शामिल रावण भाटा जोन मैं कार्यरत सहायक अभियंता यशोदा रौतिया कहती हैं कि कोरोना वायरस का संकट समूचे मानव समुदाय के सिर पर मंडरा रहा है। ऐसे क्षण में बिजली जन जन की ताकत है, प्राणवायु की तरह आवश्यक है। इसकी सतत आपूर्ति एक चुनौती भरा कार्य है। इसे हम टीम वर्क और उपभोक्ताओं के सहयोग से बेहतर ढंग से कर सकने में कामयाब हो हुए हैं। ऑनलाइन सुविधाएं वर्तमान में बहुत सहायक सिद्ध हुई है। हालांकि सुनसान रास्ते में ड्यूटी पर आते समय गाड़ी बिगड़ने अथवा पंचर हो जाने का खतरा भी हमें आशंकित करता है। इन्ही की तरह महिला अभियंता नीलम पोया कहती हैं कि राज्य शासन की गाईडलाइन के अनुसार हम सुरक्षित तरीके से कार्य कर रहे हैं। उपभोक्ताओं से आग्रह करते हैं कि वे टेलीफोन के माध्यम से अथवा ऑनलाइन अपनी समस्या को दर्ज कराएं। इसी तरह खमतराई जोन में कार्यरत सहायक अभियंता प्रार्थना शुक्ला कहती हैं कि कोविड-19 वायरस के खतरे से जूझते हुए जन सेवा करना अपने आप में चुनौती भरा कार्य है। घर में मेड का आना जाना बंद हो गया है। ऐसे में परिवार और कार्यालय की दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन हमें सुरक्षा के साथ शीघ्रता से कार्य करने की सीख दे रहा है। मन को मजबूत बनाए हूए घर पर रहने के दौरान भी हमारा पूरा ध्यान बिजली व्यवस्था बेहतर बना रहे इसकी मॉनिटरिंग पर लगा होता है। इन्ही के साथ कार्यरत अभियंता निधि सूर्यवंशी कहती हैं पारिवारिक दायित्वों से कहीं ज्यादा जवाबदारी प्रदेशवासियों को संकट से उबारने की है। बिजली की शिकायत कम से कम हो और उसका निदान जल्द से जल्द हो इसके लिए संकल्पित होकर काम कर रही हूं ।ऐसे ही दिल को छू जाने वाली बात टाटीबंध जोन की महिला अभियंता सोनाली सान्याल कहती हैं कि जब हमारी नियुक्ति शासकीय संस्थान में होती है तो यह तय हो जाता है कि राष्ट्र -राज्य और जन हितैषी काम को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है ।अपने जीवन में कोरोना महामारी की कल्पना हमने नहीं की थी पर इस कोरोना के क्रूर स्वरूप ने हमें और मजबूती से काम करने के लिए तैयार कर दिया है। मुझे विश्वास है की इस दौरान पूरे देश में नवरात्रि का पर्व चल रहा है। आरती वर्मा कहती हैं कि देवी दुर्गा जिस तरह बड़े-बड़े राक्षसों को मारने में कामयाब हुई, उसी तरह हमारे देश -प्रदेश और घर -परिवार को बिजली के बूते सुरक्षित रखने में महिला अधिकारी -कर्मचारी कामयाब होंगी।
ऐसी प्रेरक बातों के साथ अगले क्रम पर टाटीबंध जोन की अभियंता मेघा गड़पायले कहती हैं की बिजली का कोई धर्म नहीं होता। सभी के जीवन में खुशियों का रंग बिखेरती बिजली से हर समुदाय के लोग उम्मीद करते हैं की उनके जीवन में आए अंधकार को बिजली दूर करेगी।वलोगों की उम्मीदों के अनुरूप चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति का काम हम विषम परिस्थितियों में कर रहे हैं। मध्य भारत का सबसे बड़ा स्कोडा सेंटर गुढ़ियारी में पदस्थ महिला अभियंता सुरुचि कौशल बताती हैं कि लॉक डाउन और कर्फ्यू के दौरान हमें सामान्य दिनों से अधिक समय तक काम करना पड़ रहा है। शिफ्टवाइज ऐसी ड्यूटी लगाई गई है कि अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या कम से कम हो। सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन किए हुए मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग के साथ कार्यालयीन कार्यों का अनुभव आजीवन याद रहेगा। हमारा काम शहर भर की विद्युत प्रणालियों पर नजर रखना होता है कहीं भी गड़बड़ी होती है तो तत्काल उसकी जानकारी स्कोडा सेंटर को मिलती है जिससे कम से कम समय में बिजली गड़बड़ी को दूर कर लिया जाता है।
ऐसी कर्मठ महिला अभियंताओं में शामिल देवपुरी जोन की शालिनी कोठारी और डीडी नगर जोन की अंजनी सिंग का विश्वास है कि कोरोना वायरस का विनाश जल्द ही छत्तीसगढ़ से हो जाएगा और छत्तीसगढ़ ऊर्जा से उन्नति की ओर पूर्ववत अग्रसर होगा। पावर कंपनी के अतिरिक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क श्री मिश्रा ने यह भी बताया कि विकट संकट की घड़ी में लगभग दो हजार बिजली समस्याओं का निराकरण किया गया। महिला अभियंताओं ने अब तक आई बिजली समस्यों तथा अन्य प्रकरण का निदान सामान्य दिनों की तरह किया है।कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर ने महिला- पुरुष कर्मी के भेदभाव को समाप्त कर मुसीबतों का मूकाबला मुस्तैदी के साथ करने की सीख दी है। हमें भरोसा है कोरोना पर जल्द ही हमारी विजय अवश्य होगी।