कोल इंडिया ने कोयला खान भविष्य निधि पेंशन फंड को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। प्रति टन कोयले पर कंपनी 10 रुपये वॉलेंटियरी कंट्रीब्यूशन वसूल करेगी। कोल इंडिया बोर्ड ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। लंबे समय से इसको लेकर मंथन किया जा रहा था। यह राशि सीधे सीएमपीएफ पेंशन मद में जमा होगी।
अब इस प्रस्ताव को कोयला खान भविष्य निधि के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के समक्ष रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के बाद कोल इंडिया से सीएमपीएफ के खाते में अब सालाना करीब 600 करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा होंगे। वैसे यह कोयला उत्पादन और डिस्पैच पर भी निर्भर होगा। अगर कोल इंडिया के डिस्पैच में बढ़ोतरी होती है तो यह राशि बढ़ेगी और अगर डिस्पैच में कमी आएगी तो राशि में भी कमी आएगी। कोल इंडिया मौजूदा समय में 602 मिलियन टन कोयला उत्पादन और डिस्पैच करती है।
सीएमपीएफ से अभी जुड़े हैं करीब छह लाख पेंशन भोगी
कोयला खान भविष्य निधि संगठन में मौजूदा समय में पेंशनरों की संख्या 5 लाख 92000 है। इन्हें 73 रुपय से लेकर 42000 रुपयेे तक प्रतिमाह पेंशन भुगतान होता है। इस मद में हर महीने करीब 200 करोड़ की राशि की निकासी होती है।
नए निर्णय से मजबूत होगी पेंशन व्यवस्था
सीएमपीएफ ट्रस्टी के सदस्य राकेश कुमार ने बताया कि प्रति टन कोयले पर 10 रुपये की दर से अतिरिक्त फंड कोल इंडिया द्वारा सीएमपीएफ में जमा किया जाएगा। इससे पेंशन व्यवथा सुदृढ़ होगी। यह फैसला कोल इंडिया प्रबंधन बोर्ड ने पास किया गया है। 19 नंवबर को रांची में होने वाली बोर्ड की बैठक में विचार विमर्श के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक में सीएमपीएफ ब्याज दर को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक की अध्यक्षता कोल मंत्रालय के सचिव अनिल जैन करेंगे। उन्होंने कहा कि 2019 दिसंबर के बाद यह बैठक हो रही है। सीएमपीएफ आयुक्त अनिमेष भारती, कोल इंडिया निदेशक काॢमक आरपी श्रीवास्तव भी बैठक में शामिल होंगे।