नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने सोमवार को कहा कि खुली खदानों (ओपन कास्ट माइनिंग) से उसके कोयला उत्पादन में जुलाई माह में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की समग्र वृद्धि हुई है। कंपनी को मानसून के बाद उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी ने खनन क्षेत्रों में मिट्टी, पत्थर की उपरी परत हटाने के काम में तेजी आने से आगे उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है। कंपनी का समग्र उत्पादन जुलाई महीने में 11.040 करोड़ घन मीटर रहा जो इससे पूर्व वर्ष 2019 के जुलाई महीने में 9.44 करोड़ घन मीटर था।
यह ओबीआर और खुली खदानों में उत्पादित कोयले का जोड़ है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कोल इंडिया अपने कुल सालाना उत्पादन में 95 प्रतिशत के लिये खुली खदानों पर निर्भर है। ओबीआर एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन संकेतक है। यह बताता है कि अल्प समय के नोटिस पर संबंधित खदान से कोयला उत्पादन किया जा सकता है।’’ कंपनी के अनुसार कोल इंडिया ने इस साल जुलाई में 8.846 करोड़ घन मीटर ओबीआर को खुदाई कर निकाला है जो जुलाई 2019 में 7.185 करोड़ घन मीटर था। अधिकारी के अनुसार, ‘‘हमारा अनुमान है कि मानसून के बाद हमारा उत्पादन बढ़ेगा। खासकर ऊपर सतह से मिट्टी, पत्थर और अन्य सामग्री को हटाये जाने में वृद्धि की प्रवृत्ति को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है।’’ कोल इंडिया की इकाई नादर्न कोलफील्ड्स लि. (एनसीएल) की कंपनी के पूरे ओबीआर में एक तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है।
उसने ओबीआर के मामले में जुलाई में 36.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने 3.173 करोड़ घन मीटर ओबीआर का खनन किया। महानदी कोल्डफील्ड्स लि. और कोल इंडिया की अनुषंगी भारत कोकिंग कोल लि. और साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. में भी यही रुझान है। इस बीच, कोल इंडिया ने जुलाई में 4.339 करोड़ टन कोयले को भेजा है। यह चालू वित्त वर्ष में किसी एक महीने में सर्वाधिक है।कंपनी की जुलाई, 2020 में कोयला बिक्री जून के मुकाबले 4.3 प्रतिशत बढ़ी। यह बताता है कि औद्योगिक गतिविधियां में तेजी आ रही है।