नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया की बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में 6.8 प्रतिशत घटकर 37.79 करोड़ टन रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति 40.56 करोड़ टन थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में कोल इंडिया की बिजली कंपनियों को कोयला आपूर्ति 2.9 प्रतिशत बढ़कर 4.32 करोड़ टन रही जो पिछले वित्त वर्ष की जनवरी में 4.2 करोड़ टन थी। कोल इंडिया की अनुषंगी सिंगरेनी कॉलरीज कंपनी लिमिटेड ने अप्रैल-जनवरी अवधि में 4.40 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में की गयी 4.52 करोड़ टन कोयला आपूर्ति से 2.6 प्रतिशत कम है।
एक अधिकारी ने बारिश को कोयला क्षेत्र का दुश्मन बताते हुए कहा कि जुलाई के बाद मानसून के लंबी अवधि तक बने रहने से भी चालू वित्त वर्ष में कोयला का उत्पादन घटा है। कोल इंडिया का अप्रैल-जनवरी अवधि में उत्पादन भी 3.9 प्रतिशत घटकर 45.15 करोड़ टन रह गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में कंपनी का कोयला उत्पादन 46.96 करोड़ टन था। हालांकि कोल इंडिया ने अगले वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन 75 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया था। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा था कि कोल इंडिया का वित्त वर्ष 2023-24 तक कोयला उत्पादन एक अरब टन पहुंचाने का लक्ष्य है।