कोरबा (IP News).  गुरुवार को देश के 10 श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कोल सेक्टर में भी मिलाजुला असर देखने को मिला। इस हड़ताल से भारतीय मजदूर संघ दूर था। कुछेक और संगठनोें ने भी अपने कदम पीछे खींच लिए थे। एचएमएस, सीटू, एटक और इंटक हड़ताल को सफल करने जुटी हुई थी। इसको लेकर बैठकें और कन्वेंशन इत्यादि के माध्यम से कोयला कामगारों को हड़ताल के लिए तैयार किया जा रहा था। बावजूद इसके स्ट्राइक के प्रति खास उत्साह देखने को नहीं मिला। हालांकि कुछ क्षेत्रों में हड़ताल का असर दिखा है।

इधर, सोशल मीडिया में कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनियों में 26 नवम्बर की हाजिरी को लेकर एक चार्ट वायरल हो रहा है। इस चार्ट के अनुसार महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। एमसीएल में कामगारों की 27.18 प्रतिशत उपस्थिति बताई गई है। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) में 52.24 फीसदी उपस्थिति दर्शायी गई है। एसईसीएल में 77.23 प्रतिशत उपस्थिति का आंकड़ा दिखाया गया है। एसईसीएल के कुसमुंडा परियोजना में हड़ताल का कुछ असर दिखा है। दीपका, गेवरा, कोरबा प्रोजेक्ट में मिलाजुला असर रहा है। देखें सोशल मीडिया में वायरल हो रहा चार्ट:

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