नई दिल्ली (IP News). कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से किये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के साथ-साथ परिवहन एवं आतिथ्य (हॉस्पिटलिटी) क्षेत्र में आये व्यवधान के मद्देनजर और साथ ही सामाजिक दूरी बरतने की जरुरत के कारण भी कई कर्मचारी 2018-21 वर्तमान के ब्लॉक में अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं।

केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को मुआवजा देने और उपभोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से और इस क्रम में उपभोग व्यय को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को ओएम संख्या एफ. संख्या 12(2)/2020-ईआईआई (ए) दिनांक 12 अक्टूबर 2020 में उल्लेखित कुछ शर्तों के पूरा होने की स्थिति में एलटीसी किराया के बराबर नकद भत्ता का भुगतान करने की अनुमति दी है। यह भी प्रावधान किया गया है कि चूंकि एलटीसी किराया का नकद भत्ता मानित वास्तविक यात्रा के बदले में है, इसलिए वह एलटीसी किराया के लिए उपलब्ध मौजूदा आयकर छूट की तर्ज पर आयकर छूट का पात्र होगा।

अन्य कर्मचारियों (अर्थात गैर-केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों), जिन्हें उपर्युक्त ओएम द्वारा कवर नहीं किया गया है, को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से गैर- केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को भी इसी प्रकार एलटीसी किराया के बराबर नकद भुगतान के लिए आयकर छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसी के अनुरूप, गैर-केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को, अधिकतम 36,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति व्यक्ति (राउंड ट्रीप) मानित एलटीसी किराया के रूप में, किये गये नकद भत्ते के भुगतान को पैरा-4 में निर्दिष्ट शर्तों के पूरा होने की स्थिति में आयकर से छूट की अनुमति दी जाएगी।

एक गैर-केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी (‘कर्मचारी’) द्वारा मानित एलटीसी किराया में आयकर छूट की प्राप्ति निम्नलिखित शर्तों की पूर्ति के अधीन होगी:-

  • कर्मचारी ब्लॉक वर्ष 2018-21 में मान्य एलटीसी के एवज में मानित एलटीसी किराया के एक विकल्प का उपयोग करे।

(ब) कर्मचारी उन वस्तुओं / सेवाओं की खरीद पर मानित एलटीसी के मूल्य के तीन गुना के बराबर राशि खर्च करे (‘निर्दिष्ट व्यय’), जिसकी जीएसटी दर 12 प्रतिशत से कम नहीं हो और जीएसटी पंजीकृत विक्रेताओं / सेवा प्रदाताओं से 12 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 (‘निर्दिष्ट अवधि’) के दौरान डिजिटल मोड के माध्यम से जीएसटी संख्या एवं जीएसटी भुगतान की राशि इंगित करने वाला एक वाउचर प्राप्त करे।

(सी) एक कर्मचारी जो निर्दिष्ट अवधि के दौरान निर्दिष्ट व्यय पर मानित एलटीसी किराया का तीन गुना से कम खर्च करता है, वह पूरे मानित एलटीसी किराया और संबंधित आयकर छूट प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा और दोनों की राशि नीचे उदाहरण- ए में समझाये गये तरीके के अनुरूप आनुपातिक रूप से घटायी जायेगी।

डीडीओ निर्दिष्ट अवधि के दौरान किए गए निर्दिष्ट व्यय के चालान की प्रतियां प्राप्त करने के बाद उपरोक्त शर्तों की पूर्ति पर आयकर छूट की अनुमति देगा। इसके अलावा, चूंकि यह छूट एलटीसी किराया के लिए दी गई छूट के बदले में है, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115बीएसी के तहत रियायती कर व्यवस्था के तहत आयकर का भुगतान करने का विकल्प चुनने वाला कर्मचारी इस छूट का हकदार नहीं होगा।

केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी स्पष्टीकरण ओएम एफ. संख्या 12(2)/2020-ईआईआई (ए) दिनांक 20 अक्टूबर, 2020 और इस संबंध में बाद में जारी स्पष्टीकरण, यदि कोई हो, गैर-केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों पर भी यथोचित परिवर्तनों सहित लागू होगा बशर्ते पूर्ववर्ती पैरा में निर्दिष्ट शर्तों की पूर्ति हो।

इस उद्देश्य के लिए आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों में विधायी संशोधन का प्रस्ताव नियत समय में किया जाएगा।

उदाहरण- ए

मानित एलटीसी किराया : 20,000 रूपए x 4 =  80,000 रूपए

खर्च की जाने वाली राशि : 80,000 रूपए x 3 = 2,40,000 रूपए

इस प्रकार यदि कोई कर्मचारी निर्दिष्ट खर्च पर 2,40,000 या उससे ऊपर रुपये खर्च करता है, तो वह पूर्ण रूप से एलटीसी किराया और संबंधित आयकर छूट का हकदार होगा। हालांकि अगर कोई कर्मचारी केवल 1,80,000 रुपये खर्च करता है, तब वह 75 प्रतिशत (यानी 60,000 रुपये) के लिए एलटीसी किराया और संबंधित आयकर छूट का हकदार होगा। कर्मचारी को नियोक्ता से 80,000 रूपए की अग्रिम राशि प्राप्त होने की स्थिति में, उसे नियोक्ता को 20,000 रुपये वापस करना होगा क्योंकि वह आवश्यक राशि का केवल 75 प्रतिशत ही खर्च कर सकता है।

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