कोरबा (IP News). डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में पदस्थ वरिष्ठ कल्याण अधिकारी एसपी बारले 30 अप्रेल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उन्होंने विद्युत मंडल एवं पावर कंपनीज में 30 वर्षों की महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं। श्री बारले 1990 में विद्युत मंडल में कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग जनवरी 1991 में मुख्य अभियंता (बिलासपुर क्षेत्र) कार्यालय के अधीन तिफरा में की गई थी। इस लंबी सेवा अवधि में श्री बारले ने 50 मुख्य अभियंताओं के साथ कार्य किया है।
कल्याण अधिकारी के पद पर रहते हुए उन्होंने श्रमिक संगठनों एवं प्रबंधन के बीच हमेशा एक पुल की भूमिका निभाई हैै। कर्मचारियों से सीधा संवाद एवं उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए वे हमेशा ही तत्पर रहे। अपनी सेवा अवधि में श्री बारले प्रशासन, मीडिया एवं औद्योगिक संबंधों को बड़े ही दायित्वों के साथ निभाया है। श्री बारले का मानना है कि अच्छा व्यवहार, समय प्रबंधन, ईमानदारी और टीम वर्क उनकी सफलता का मूल कारण है।
वरिष्ठ कल्याण अधिकारी एसपी बारले बताते हैं कि औद्योगिक संबंध विभाग में पदस्थ वरिष्ठ श्री आंवले, आरडी सिंह एवं श्री एके कटकवार, श्री प्रवीण दत्त त्रिपाठी एवं आईआर विभाग से मिले मार्गदर्शन से उन्हें अपने जीवन में कर्तव्य निर्वहन में बड़ा सहयोग मिला है। कोरबा में तत्कालीन सहायक अभियंता एवं वर्तमान कार्यपालक निदेशक एसके बंजारा का विशेष सहयोग रहा। इनके अलावा श्रमिक नेता आरसी चेट्टी, एसके झा, एलियास दादा, एसएन दुबे, प्रदीप पाठक, एसपी साहू, ओपी लोकरे, शमीम खान, एचआर नेताम एवं प्रांतीय संगठन के श्री मिश्रा, सीके खंाडे, एपी विश्वकर्मा के साथ मिलकर अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रमिकों की समस्याओं को सुलझाया है। श्री बारले आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि वरिष्ठजनों से मिले सहयोग के कारण ही वे पावर कंपनीज के कार्यों को बड़ी सहजता से पूरा कर पाए हैं।
अपने पूरे कार्यकाल को याद करते हुए श्री बारले कहते हैं कि मुख्य अभियंता आरबी राइन की कार्यशैली से वे काफी प्रभावित हुए। उनकी कार्यशैली की वजह से ही उन्होंने कर्मचारियों एवं श्रमिकों के बीच लोकप्रियता पाई है। विद्युत संयंत्र में परिवार जैसा माहौल एवं मधुर औद्योगिक वातावरण में उन्होंने उपलब्धियां अर्जित की हैं। अपने सेवाकाल में श्री बारले की तैनाती बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, मनेन्द्रगढ़, पत्थलगांव, जशपुर, जांजगीर, चांपा एवं मुंगेली में भी रही है। वर्ष 2006 में श्री बारले को वरिष्ठ कल्याण अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिली। श्री बारले बताते हैं कि उन्हें जिन मुख्य अभियंताओं के साथ कार्य करने का अवसर मिला उनमें से अधिकांश विद्युत मंडल के निदेशक मंडल एवं उच्च पदों पर कार्य किया है। अपने सेवाकाल में मिले सहयोग के लिए उन्होंने अधिकारी, कर्मचारी, श्रमिकों एवं शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया है।
किसान के बेटे ने भिलाई इस्पात संयंत्र में भी दी है सेवा
पूर्व दुर्ग जिला एवं वर्तमान बालोद जिला के अर्जुन्दा तहसील के ग्राम डुन्डेरा में 30 अप्रैल 1959 को जन्मे सरयू प्रसाद बारले के पिता रामनाथ बारले किसान थे। उनकी माता श्रीमती चंदादेवी कुशल गृहिणी रहीं। श्री बारले की प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई। अर्जुन्दा से उन्होंने हायर सेकेन्डरी स्कूल पूरा किया है। दुर्ग महाविद्यालय से स्नातक एवं पं. रविशंकर शुक्ल विवि रायपुर से स्नातकोत्तर पूरा किया है। श्री बारले ने तीन विषयों में समाजशास्त्र, भूगोल एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर किया है। इसके अलावा विधि स्नातक की शिक्षा भी हासिल की है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री बारले की उच्च शिक्षा की वजह से उन्हें कई संस्थानों में सेवा का अवसर मिला। उन्होंने स्थानीय निधि संपरीक्षा में आॅडिटर के पद पर दो साल, भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यक्रम सहायक के पद पर सात साल की सेवाएं भी दी हैं। वर्ष 1994 में राज्य लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा में उनका चयन महिला एवं बाल विकास अधिकारी के पद पर हुआ था लेकिन उन्होंने विद्युत मंडल की सेवा को सर्वोपरि मानते हुए यहां कर्तव्य में डटे रहे।