कोरबा (IP News).  चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली की मांग में 2019 के मुकाबले भारी कमी दर्ज हुई है। इसकी वजह कोरोना और लाॅकडाउन है। लाॅकडाउन के दौरान छोटे स्तर की औद्याेिगक व व्यापारिक गतिविधियां बंद थी।

बिजली आपूर्ति के जो आंकड़े समाने आए हैं इसके अनुसार राज्य में अप्रेल – जून के बीच 6763 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता रही। इसके मुकाबले उपलब्धता भी 6763 मिलियन यूनिट की रही। यानी मांग और आपूर्ति में अंतर नहीं रहा। 2019 में समान अवधि में 8117 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता थी और उपलब्धता 8117 मिलियन यूनिट की थी। इस लिहाज से चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 1354 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता में कमी आई।

पीक अवर में 860 मेगावाट की रही कमी

इधर, अधिकतम मांग अवधि पीक अवर में भी बिजली की आवश्यकता और उपलब्धता में कोई अंतर नहीं था। पीक अवर में 3736 मेगावाट की बिजली आवश्यकता रही और इतनी ही बिजली उपलब्ध हुई। 2019 की पहली तिमाही में बिजली की आवश्यकता 4596 मेगावाट तथा उपलब्धता 4574 मेगावाट थी। इस साल समान अवधि में बिजली की आवश्यकता में 860 मेगावाट की कमी दर्ज की गई।

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