रायपुर (आईपी न्यूज़)। राज्य में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, सीखने-सिखाने की प्रक्रिया निर्बाध रूप से संचालित हो सके, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्तरों पर नए-नए तरीकों-विकल्पों की संभावनाओं को तलाशने का कार्य किया जा रहा है। राज्य की भौगोलिक एवं क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कुछ वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्थाओं पर विचार कर प्रत्येक विकल्प हेतु एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी अपने विषय विकल्प हेतु टीम गठित कर व्यापक विचार विमर्श कर संभावनाओं को तलाशने एवं क्रियान्वयन के तरीकों पर कार्ययोजना का निर्माण कर 11 मई तक संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को अपने रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सभी नोडल अधिकारियों को सौंपे गए कार्यों के अतिरिक्त और भी नवाचारी क्रियाकलापों पर सुझाव देने भी कहा गया है।
संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा इस संबंध में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर कार्ययोजना बनाने के लिए विकल्प और विषय भी आवंटित कर दिए हैं। जारी आदेश अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक के.सी. काबरा को फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए प्रारंभिक स्तर पर विद्यालय संचालन के तरीकों, विकल्पों और संभावनाओं को तलाशने की कार्ययोजना तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के अतिरिक्त संचालक आर.एस. सिंह को होम ट्यूशन, समूह शिक्षण, हाट-बाजार में शिक्षण, चलित विद्यालयों के संचालन के तरीके एवं संभावनाओं पर विचार के साथ ही एन.जी.ओ., स्वयंसेवी, जनप्रतिनिधि, मितानीन, समुदाय और अन्य विभाग के कर्मचारियों की अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया में सहयोग की संभावना तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अतिरिक्त संचालक श्री आर.एन. सिंह को टेलीविजन एवं रेडियों पर पाठों का प्रसारण, डीवीडी, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, ब्लूटूथ आदि के माध्यम से पाठ्य सामग्री बच्चों तक कैसे उपलब्ध करवाएं और उसकी उपयोगिता तलाशने के साथ ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की तर्ज पर स्कूल शिक्षा विभाग का शिक्षा चैनल प्रारंभ करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे को पोस्ट ऑफिस, बाइकर्स, कोटवार, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि के माध्यम से बच्चों तक होम वर्क पहुंचाना और जांच के बाद उसे पुनः बच्चों तक पहुंचाने का कार्य सौंपा गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन.आई.सी.) के तकनीकी निदेशक सोमशेखर को ऐसे विद्यार्थियों जिनके पास स्मार्टफोन एवं नेट की उपलब्धता नहीं है और विद्यालय या क्षेत्र जहां नेट नहीं उनका सर्वे कर इन क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तलाशना ’’पढ़ई तुंहर दुआर’’ पोर्टल के ऑफलाइन उपयोग की संभावना तलाशने के साथ ही बच्चो तक किताब की उपलब्धता की संभावनाओं पर विचार-विमर्श की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे को फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन, स्कूल स्तर पर रोजगार मूलक व्यावसायिक प्रशिक्षण की संभावनाओं को खोजने का दायित्व सौंपा गया है।