कोरबा (IP News). कोल सेक्टर में नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-XI एवं इसके तहत गठित होने वाले जेबीसीसीआई के गठन को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है। इंटक के आपसी विवाद और मामला कोर्ट होने के कारण जेबीसीसीआई- X में इस श्रमिक संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं था। क्या इस दफे भी वही स्थिति निर्मित होगी, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
यहां बताना होगा कि कोयला मंत्रालय ने जेबीसीसीआई- XI में इंटक को प्रतिनिधित्व देने को लेकर कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखने को कहा है। कोर्ट इंटक के जिस गुट को मान्यता देने के लिए कहेगा, उसी के सदस्य जेबीसीसीआई में शामिल किए जाएंगे।

इधर, कोयला मंत्रालय का निर्देश जारी होते ही श्रमिक संगठनों में रायशुमारी शुरू हो गई है। इसी बीच इंटक के तिवारी गुट ने कोल इंडिया चेयरमैन को पत्र प्रेषित कर जेबीसीसीआई- XI के लिए नाम प्रस्तुत किए हैं। तिवारी गुट के राष्ट्रीय महामंत्री केके तिवारी ने सीआईएल चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा है कि असली इंटक वही है। उनका रेड्डी एवं ददई दुबे गुट से कोई नाता नहीं है। जेबीसीसीआई- XI के लिए चार चदस्यों के नाम भी प्रस्तावित किए हैं, जो इस प्रकार हैं: केके तिवारी, केएन त्रिपाठी, गोपाल नारायण सिंह, आदित्य नारायण मिश्रा। वैकल्पिक सदस्य के रूप में आबिद हुसैन, डा. संतोष कुमार, कमलेश शर्मा, देवाशीष दत्ता का नाम प्रस्तुत किया गया है।

खासकर कोल सेक्टर में इंटक के तीन गुट काम रहे हैं। एक रेड्डी गुट, दूसरा ददई दुबे गुट एवं तीसरा तिवारी गुट। तीनों ही गुट अपने आप को असली इंटक होने का दावा करते हैं। इंटक की गुटबाजी की वजह से ही कांग्रेस का यह श्रमिक संगठन कोल इंडिया तथा अनुषांगिक कंपनियों की महत्वपूर्ण समितियों से किनारे है।

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