धनबाद। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) धनबाद ब्रांच की ओर से कोल सेक्टर में जीएसटी को लेकर वेबीनॉर का आयोजन किया गया। इसमें बीसीसीएल के निदेशक फाइनेंस सीए समीरन दत्ता, निदेशक फाइनेंस सीए एनके अग्रवाल, आइसीएआइ के चयेरमैन सीए देवेंद्र सोमानी और धनबाद ब्रांच के पूर्व चेयरमैन शशिकांत चंद्राकर विशेष रूप से शामिल हुए। वेबीनॉर में लगभग 100 सीए सदस्य एवं छात्र शामिल हुए। वेबीनॉर में कोल सेक्टर में जीएसटी एवं इनपुट क्रेडिट पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्य वक्ता के तौर पर कोलकाता के सीए राजीव अग्रवाल ने जीएसटी चैलेंज से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौर में अपडेट रहना जरूरी है। इस दौरान कोयले पर झारखंड सरकार की ओर से लगाए गए कोविड-19 सेस पर भी चर्चा हुई। यह सेस दस रुपये प्रति टन खनिज डिस्पैच पर लगाया गया है और छह जुलाई 2020 से प्रभावी है। इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटी में बहुत अहम रखता है।
बीसीसीएल के निदेशक फाइनेंस एवं सीसीएल के प्रतिनिधि ने इन्वर्टेड टैक्स स्ट्रक्चर का मुददा उठाया। कोयले पर जीएसटी दर पांच फीसद है तो कोयले के एक्सट्रैक्शन के लिए इनपुट सर्विस पर जीएसटी 18 फीसद की दर से देय है। इस वजह से कोल कंपनी में इनपुट टैक्स क्रेडिट बढ़ता जा रहा है और वर्किंग कैपिटल ब्लॉक हो रहा है। सीसीएल के सीनियर मैनेजर फाइनेंस संजय कुमार ने तकनीक सत्र के दौरान कोल कंपनियों से जुड़ी कई मुददों पर प्रश्न पूछे। कार्यक्रम के समापन पर आइसीएआइ धनबाद ब्रांच के चेयरमैन चरणजीत सिंह चावला ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
Source : Dainik Jagran