मुंबई। टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्‍त्री अपने जमाने के सबसे धाकड़ ऑलराउंडर्स में से एक माने जाते थे। बाएं हाथ से गेंद को स्पिन कराना और दाएं हाथ से बल्‍लेबाजी करके गेंदबाजों के होश उड़ाने के लिए शास्‍त्री लोकप्रिय रहे। शास्‍त्री ने अपने खेलने वाले दिनों में बल्‍ले से कई यादगार प्रदर्शन किए। वह भारत के उन चुनिंदा बल्‍लेबाजों में से एक हैं, जिन्‍होंने पारी की शुरूआत भी की और फिर 11वें नंबर पर आकर बल्‍लेबाजी की। शास्‍त्री 1983 विश्‍व कप विजेता टीम के सदस्‍य रहे और 1985 विश्‍व चैंपियनशिप में वो मैन ऑफ द सीरीज भी रहे।

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आज के दिन 1985 में रवि शास्‍त्री ने एक बेहद दिलचस्‍प रिकॉर्ड अपने नाम किया था, जो 30 साल से ज्‍यादा समय तक उनके नाम दर्ज रहा। शास्‍त्री फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में सबसे तेज डबल सेंचुरी जमाने वाले बल्‍लेबाज रहे हैं। शास्‍त्री ने बॉम्‍बे की तरफ से रणजी ट्रॉफी के जोनल मैच में बड़ौदा के खिलाफ केवल 113 गेंदों में 200’ रन बनाए थे। फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में यह सबसे तेज दोहरा शतक रहा। यह रिकॉर्ड 34 साल बाद यानी 2017-18 में शफीकुल्‍लाह ने तोड़ा, जिन्‍होंने काबूल क्षेत्र के लिए खेलते हुए बूस्‍ट क्षेत्र के खिलाफ 103 गेंदों में दोहरा शतक जमाया था।

ऐसा करने वाले दूसरे बल्‍लेबाज

शास्‍त्री ने इस तीन दिवसीय मुकाबले की दूसरी पारी में सबसे तेज दोहरा शतक जमाया था। पता हो कि बॉम्‍बे और बड़ौदा के बीच यह मुकाबला 8,9 और 10 जनवरी 1985 को वानखेड़े स्‍टेडियम में खेला गया था। शास्‍त्री की पहली पारी में बल्‍लेबाजी भी नहीं आई थी। उन्‍होंने दूसरी पारी में यादगार दोहरा शतक जमाया और इसी पारी के दौरान एक ओवर में लगातार छह छक्‍के भी जड़े। 1968 में गैरी सोबर्स के बाद 1985 में रवि शास्‍त्री ने यह कारनामा दोहराया था। उन्‍होंने तिलक राज के ओवर में लगातार छह छक्‍के जमाए थे।

ऐसा रहा मैच का हाल

बता दें कि बॉम्‍बे ने इस मैच में पहले बल्‍लेबाजी की। उसने अपनी पहली पारी 84 ओवर में चार विकेट पर 371 रन बनाकर घोषित की। जवाब में बड़ौदा ने अपनी पहली पारी 89.1 ओवर में 330 पर 9 विकेट के स्‍कोर पर घोषित की। बॉम्‍बे की दूसरी पारी में शास्‍त्री ने ताबड़तोड़ दोहरा शतक जमाया। लालचंद राजपूत ने भी 136 रन बनाए। बॉम्‍बे ने अपनी दूसरी पारी 80.1 ओवर में 5 विकेट पर 457 रन बनाकर घोषित की। इस तरह बड़ौदा को जीत के लिए 499 रन का लक्ष्‍य मिला, जिसका पीछा करते हुए 18 ओवर में 81 रन के स्‍कोर पर उसने 7 विकेट गंवा दिए थे। यह मुकाबला ड्रॉ समाप्‍त हुआ था।