बिलासपुर. हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य शासन के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि निजी स्कूल शिक्षण शुल्क की वसूली नहीं कर सकते। कोर्ट ने निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने और शिक्षण शुल्क के अलावा किसी अन्य शुल्क की वसूली करने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है, साथ ही स्कूलों के शिक्षकों को नियमित वेतन देने का निर्देश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब निजी स्कूल बच्चों के पालकों से सिर्फ शिक्षण शुल्क ही ले सकेंगे। राज्य सरकार ने संचालक लोक शिक्षण विभाग के माध्यम से 1 अप्रैल 2020 व 22 अप्रैल 2020 को आदेश जारी कर निजी स्कूलों को विद्यार्थियों से शिक्षण शुल्क की वसूली नहीं करने के निर्देश जारी किए थे। साथ ही शिक्षकों व स्कूल के अन्य कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन देने का निर्देश जारी किया था। राज्य सरकार के इस आदेश को बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मेनेजमेंट एसोसिएशन सोसायटी ने अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
याचिका में कहा गया था कि छात्रों से मिलने वाले शिक्षण शुल्क से ही निजी स्कूल शिक्षकों व स्कूल के अन्य कर्मचारियों को वेतन देते हैं, यदि शिक्षण शुल्क की वसूली नहीं होगी, तो शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को वेतन कहां से देंगे। याचिका के साथ दिल्ली व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट सहित दस हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया था, कि इन सभी हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क की वसूली करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसी तरह यहां के निजी स्कूलों को भी शिक्षण शुल्क की वसूली करने की अनुमति मांगी गई थी। जस्टिस पी.सैम कोसी की सिंगल बेंच ने प्रकरण की सुनवाई के बाद 9 जुलाई 2020 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
शिक्षण शुल्क में नहीं होगी बढ़ोतरी
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कि नए शिक्षण सत्र में निजी स्कूल शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी नहीं करेंगे। पिछले शिक्षा सत्र में स्कूलों ने जो फीस निर्धारित की थी, उसी शिक्षण शुल्क की वसूली करेंगे। स्कूल प्रबंधन मासिक, द्विमासिक या त्रैमासिक रूप से पालकों को फीस देने की सुविधा देंगे।
असमर्थ बच्चे करेंगे आवेदन
कोर्ट ने शिक्षण शुल्क का भी भुगतान नहीं कर पाने वाले अभिभावकों को राहत दी है, कोर्ट ने कहा है कि ऐसे अभिभावक जो शुल्क जमा करने में समर्थ नहीं हैं, वे स्कूल के समक्ष अपना आवेदन जमा करेंगे। स्कूल आवेदन पर विचार करेगा।
शिक्षकों को नियमित वेतन देने के निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन दिया जाए। किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को सेवा से बाहर नहीं किया जाएगा।
लाइब्रेरी सहित अन्य शुल्क की वसूली नहीं
हाईकोर्ट ने जारी आदेश में निर्देशित किया है,कि कोई भी निजी स्कूल लाइब्रेरी सहित ली जाने वाली अन्य शुल्क की वसूली नहीं कर सकेंगे। साथ ही विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित नहीं हो, इसके लिए ऑन लाइन क्लासेस लेंगे। जहां ऑनलाइन संभव नहीं वहां अध्ययन सामग्री प्रदान की जाए।
Source : HariBhoomi