द हिंदू अख़बार ने सीटू ट्रेड यूनियन के एक नेता के हवाले से बताया कि फ़ेडरेशन ऑफ़ ट्रांसपोर्ट ट्रेड यूनियन्स ने सरकार से वेतन समझौते की मांग रखी है। हालांकि राज्य के परिवहन विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वेतन समझौते के पहले दौर की बातचीत के लिए 20 मार्च की तारीख़ नियत की है।

ट्रेड यूनियन फ़ेडरेसन के सदस्यों ने कहा है कि राज्य सरकार को बातचीत के लिए उन्हें बुलाना चाहिए।यूनियन का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देने की इच्छुक नहीं है।

हालांकि परिवहन विभाग का कहना है कि 2,500 बसें अभी सड़कों पर चल रही हैं। यूनियन के साथ हुआ 13वां वेतन समझौता सितम्बर 2019 में ही समाप्त हो गया था। यूनियन का आरोप है कि पिछले छह महीने से तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन 14वें वेतन समझौते पर कोई बात नहीं कर रहा है।

यूनियन की मांग

कर्मचारियों ने कहा है कि सरकार 14वां वेतन समझौता करे, कम से कम 25% वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए, काम का बोझ घटाया जाए और जो कर्मचारी 1 अप्रैल 2003 के बाद नौकरी में आए, उन्हें पेंशन स्कीम के तहत लाया जाए।

 

 

source : workersunity

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