नई दिल्ली। भोपाल में रेल से यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। अब भोपाल और दिल्ली के बीच सफर का समय 45 मिनट तक कम होने जा रहा है। अक्टूबर में नए स्पीड प्रोटोकॉल लागू होने के बाद तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन होने से यह परिवर्तन होगा। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने नए स्पीड प्रोटोकॉल को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। तीसरी रेलवे लाइन पर भोपाल से लेकर बीना तक और उससे आगे ग्वालियर तक ट्रेनों के संचालन की तैयारी है।
यह मिलेगा फायदा
भोपाल एक्सप्रेस करीब आधा घंटा और शताब्दी एक्सप्रेस 45 मिनट पहले गंतव्य पर पहुंच सकेगी। लॉकडाउन के समय विभिन्न रेल मंडलों ने अपने-अपने क्षेत्र के रेलवे ट्रैक को बदलने से लेकर उनमें सुधार तक के काम निपटाए हैं। जिनसे अब भी स्पीड बढ़ाने में मदद मिल सकेगी।
भविष्य में चलाई जाने वाली प्राइवेट ट्रेनों को मिलेगा फायदा
अधिकारियों के अनुसार ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का उद्देश्य दिल्ली से मुंबई के बीच लगने वाले यात्रा समय में एक से डेढ़ घंटे तक की कमी करना है ताकि यात्रियों का भी समय बचाया जा सके। भविष्य में चलाई जाने वाली प्राइवेट ट्रेनों को भी इसका सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
ट्रैक के घुमाव किए गए कम
रेल अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान कई जगह ट्रैक के घुमाव को भी कम करने का काम किया गया है। ऐसे में जहां मामूली घुमाव थे, उन्हें तो पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद ट्रेनों को पहले के मुकाबले अधिकतम 30 से 40 किमी प्रति घंटे तक तेज रफ्तार के साथ चलाने में आसानी हो जाएगी।
ग्वालियर-झांसी सेक्शन में 11 से ज्यादा स्थानों पर हुआ काम
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए कई स्थानों पर घुमाव कम कर पटरियों के बीच लगने वाले जोड़ की दूरी भी बढ़ाई गई है। जिससे भी स्पीड को बढ़ाने में मदद मिली है, जो अभी चल रहे ट्रायल के दौरान सामने आने लगी है। खासतौर पर ग्वालियर-झांसी सेक्शन में 11 से ज्यादा स्थानों पर यह काम किया गया है।