दुनिया में करीब 3 लाख 20 हजार तरह के वायरस हैं, जो मेमल्स को इंफेक्ट कर सकते हैं। मेमल्स यानी स्तनधारी जीव। यानी जो अंडा नहीं देते बल्कि बच्चे को जन्म देते हैं। इनमें से सबसे खतरनाक वायरस हर साल दुनियाभर में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों की जान ले लेते हैं। जानिए, Corona Virus से पहले किन वायरसों ने मचाया आतंक…
रोटा वायरस (Rota Virus)
रोटा वायरस को चाइल्ड किलर वायरस भी बोला जाता है। ये करीब 5 दुनियाभर में हर साल 5 लाख बच्चों की जान लेता है। यह नवजात बच्चों और 6 से 8 साल के बच्चो में घातक डायरिया फैलाता है। जिससे कई बार बच्चों की जान तक चली जाती है।
चेचक (Small Pox)
दूसरे किसी भी वायरस की तुलना में चेचक दुनिया के सबसे अधिक लोगों की जान (30 से 50 करोड़ मौत) ले चुका है। क्योंकि इस वायरस का R0 (इसे R-naught पढ़ा जाता है) यानी रिप्रोडक्शन नंबर 3.5 से 6 के बीच में होता है। यानी इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति 3 से 6 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका फैटेलिटी रेड 90 प्रतिशत होता है। हालांकि वैक्सिनेशन के जरिए इस वायरस को अब दुनिया से पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
मीजल्स (Measles)
मीजल्स को आम भाषा में खसरा को रोग कहा जाता है। पिछले 150 साल में यह करीब 20 करोड़ लोगों की जान ले चुका है। पुराने रेकॉर्ड्स के हिसाब से यह हर साल करीब 2 लाख लोगों की जान लेता था। हालांकि अब वैक्सिनेशन के जरिए इस वायरस को कंट्रोल कर लिया गया है। लेकिन खसरा के मामले में सबसे बुरी बात यह है कि इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति 12 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
डेंगू (Dengue)
डेंगू वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। ये वायरस दुनिया की 110 देशों में पाया है और हर साल करीब 10 करोड़ लोगों को इंफेक्ट करता है, जिनमें से करीब 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है। जिन लोगों को यह वायरस दोबारा जकड़ लेता है, वे अक्सर गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं।
पीत ज्वर (Yellow Fever)
जब किसी व्यक्ति में येलो फीवर की स्थिति बहुत अधिक गंभीर होती है तो उसकी नाक, आंख, मुंह और पेट से खून आने लगता है। इस स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों में से करीब 50 प्रतिशत लोगों को 7 से 10 दिन के अंदर ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। आज भी येलो फीवर दुनियाभर में करीब 2 लाख लोगों को इंफेक्ट करता है और करीब 30 हजार लोगों की जान लेता है।
फ्लू (Flu or Influenza)
फ्लू के कारण दुनियाभर हर साल करीब 5 लाख लोगों की जान चली जाती है। सबसे खतरनाक फ्लू पैंडेमिक (पैंडेमिक उस बीमारी को कहते हैं जो दुनिया के बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लेती है।) में स्पेनिश फ्लू ने 5 से 10 करोड़ लोगों की जान ली। यह अब तक का सबसे खतरनाक फ्लू पैंडेमिक माना जाता है।
रेबीज (Rabies)
रेबीज को पुराने वक्त से ही एक बहुत अधिक खतरनाक बीमारी माना जाता रहा है। रेबीज की बीमारी चमगादड़ या कुत्ते के काटने या नाखून गड़ाने से भी हो सकती है। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल 60 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से अधिकतर मौतें अफ्रीका और सदन एशिया में होती हैं।
हेपेटाइटिस-बी ऐंड सी (Hepatitis-B&C)
हेपेटाइटिस-बी हर साल करीब 7 लाख लोगों की जान ले लेती है। वर्तमान में यह सबसे खतरनाक बीमारियों में गिनी जाती है। यह लीवर पर सबसे पहले अटैक करती है, जिससे लीवर कैंसर या लीवर डैमेज हो जाता है। इस बीमारी में होनेवाला लीवर डैमेज पर्मानेंट होता है, जिसे इलाज से ठीक नहीं किया जा सकता। हेपेटाइटिस-सी से दुनिया में हर साल करीब साढ़े तीन लाख लोगों की डेथ हो जाती है।
इबोला और मारबर्ग वायरस (Ebola and Marburg Virus)
इबोला और मारबर्ग वायरस आज की दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में शामिल हैं। क्योंकि इनका अभी तक कोई पुख्ता इलाज या वैक्सीन इजात नहीं किया जा सका है। जबकि इन वायरस का फैटेलिटी रेट 90 प्रतिशत तक है। इन दोनों वायरस के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। इनसे संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को हैमरेजिक फीवर, ऑर्गन फेलियर जैसी समस्याएं हो जाती है।
एचआईवी एड्स (HIV)
एक्सपर्स्ट्स के अनुसार, वर्तमान समय में दुनियाभर में करीब 4 करोड़ लोग HIV वायरस से पीड़ित हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले 30 साल से हर साल करीब 20 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। अब तक करीब ढाई करोड़ लोग इस बीमारी के कारण मर चुके हैं।
(इस खबर में दिए गए डेटा अलग-अलग स्टडीज और सोर्सेज से जुटाए गए हैं।)
source : NBT