कोरबा (आईपी न्यूज)। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम के नेताओं ने औपचारिक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि उनके निर्वाचित पार्षदों का भाजपा को समर्थन नहीं मिलेगा। कांग्रेस को भी सीधे तौर पर समर्थन नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस पहले बुनयादी मुद्दों को लेकर पहले अपना रूख साफ करे, इसके बाद ही समर्थन पर विचार किया जाएगा। अन्यथा माकपा के दोनोें पार्षद तटस्थ रहेंगे। यहां बताना होगा कि नगर पालिक निगम, कोरबा में बहुमत के आकंड़े पर पहुंचने की कवायद चल रही है। भाजपा 31 के साथ बड़े दल के रूप में सामने है। कांग्रेस के पास 26 पार्षद हैं और पार्टी 3 निर्दलीय पार्षदों को अपने खेमे में कर लिया है। इस तरह कांग्रेस की संख्या 29 पर पहुंच गई है। निगम, कोरबा में महापौर बनाने के लिए 34 की संख्या की जरूरत है। ऐसे में माकपा के दोनों पार्षदों के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी।
शनिवार को माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने मीडिया से चर्चा की। उनके साथ जिला सचिव प्रशांत झा, वीएम मनोहर भी थे। माकपा नेताओं ने कहा कि निगम क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस और भाजपा किसी पर भी अपना विश्वास व्यक्त नहीं किया है और यही कारण है कि आम जनता ने इन दोनों पार्टियों को बहुमत से वंचित किया है और सरकार बनाने की चाबी छोटी पार्टियों को सौंपी है। पहले भी निगम की सत्ता भाजपा और कांग्रेस के पास रही है और उसने आम जनता की बुनियादी समस्याओं को हल करने के बजाए उन्हें परेशान करने और उन पर करों का बोझ लादने का काम किया है। माकपा नेताओं ने कहा कि हम भाजपा को निगम की सत्ता में नहीं देखना चाहते और उसे सत्ता से बाहर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसका मतलब कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देना नहीं है और इस बार उसे माकपा द्वारा आम जनता की उठाई गई मांगों पर पहले अपना रुख सार्वजनिक रूप से बताना होगा।

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