रायपुर (IP News). छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली पहुंचाने के लिए पारेषण लाइनों का विस्तार किया जा रहा है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को 5 करोड़ की लागत से निर्मित अति उच्च दाब लाइन को ऊर्जीकृत करने में एक बड़ी कामयाबी मिली।
प्रदेश में बिजली डिमांड बढ़ने और लो-वोल्टेज की समस्या को ध्यान में रखते हुए कम्पनी द्वारा नई अतिउच्च दाब (ईएचटी) लाईनों, उपकेंद्रों का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है, जिसकी मानिटरिंग मुख्यालय स्तर पर की जा रही है। उक्त जानकारी ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने दी। उन्होंने ने बताया कि सूदूर ग्रामीण वनांचलों तक गुणवत्ता पूर्ण बिजली पहुंचाने हेतु विद्युतकर्मी कोरोना संक्रमण काल में भी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में रायपुर क्षेत्रांतर्गत मगरलोड से गरियाबंद तक खींची गई 132 किलोवॉट की 35 किलोमीटर लम्बी अतिउच्चदाब (ईएचटी) लाइन को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत किया गया। जिसका लाभ 225 गांव के रहवासियों को मिलेगा। यह लाइन गरियाबंद जिले के लिए “लाइफ लाइन” की भांति वरदान सिद्ध होगी।
श्री कुमार ने बताया कि वर्तमान में गरियाबंद क्षेत्र हेतु एकमात्र 132 के वी ईएचटी पारेषण लाईन थी, जो घने जंगल से होकर जाती थी। सघन वनांचल होने के कारण आंधी-तूफान जैसे कारणों से विद्युत व्यवधान होने की स्थिति में विद्युत आपूर्ति लंबे समय तक प्रभावित हो जाती थी। इस लाइन के ऊर्जीकृत होने से वहां अब 132 केवी की दो ईएचटी लाइन हो गई, जिससे व्यवधान होने की आशंका नहीं के बराबर हो गई है। एक लाईन में व्यवधान आने पर दूसरी लाईन से आसानी से विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। दो ईएचटी लाइन होने से 225 गांवों में लो-वोल्टेज की समस्या का भी निदान होगा।
प्रदेश में 13124 सर्किट किलोमीटर ईएचटी नेटवर्क
एमडी श्री कुमार ने कहा राज्य शासन की मंशानुरूप गांव और किसानों के विकास को प्राथमिकता में रखते हुए विद्युत विस्तार तेजी से किया जा रहा है,फलस्वरूप प्रदेश में अतिउच्च दाब लाईनों की लंबाई बढ़कर 13 हजार 124 सर्किट किलोमीटर हो गई है,जोकि राज्य गठन के समय मात्र 5205 सर्किट किलोमीटर थी।