कोरबा (आईपी न्यूज)। किसी भी मुल्क की प्रगति ऊर्जा के बगैर अधूरी है। भारत में लगभग दो लाख मेगावाट क्षमता वाले बिजली संयंत्र कोयला आधारित हैं। कोरोना वायरस संकट और इसके खतरे के बीच कोल इंडिया लिमिटेड और अनुषांगिक कंपनियों के दो लाख 77 हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कार्यों में जुटे हुए हैं। आवश्यक सेवा की श्रेणी में आने के कारण खदान और विद्युत क्षेत्र को लाॅकडाउन से पृथक रखा गया है। सीआईएल की 8 अनुषांगिक कंपनियों की खदानों से कोयला उत्पादन होता है। नाॅन एक्जीक्यूटीव स्तर के दो लाख 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी ऐसे हैं जो कार्यालयों के साथ ही खदानों में तीन शिफ्ट में कोयला उत्पादन के लिए मशक्कत कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की बदौलत ही कोयले का उत्पादन हो रहा है और संयंत्रों से बिजली तैयार हो पा रही है। आउट सोर्सिंग के भी कामगार हैं जो काम पर जुटे हुए हैं। यहां बताना होगा कि देश के विभिन्न राज्यों मे स्थित थर्मल संयंत्रों को रोजाना 17 लाख 22 टन से ज्यादा मात्रा में कोयले की आवश्यकता होती है। कर्मचारी सुरक्षित रहे इसके लिए कार्यस्थल को सेनेटाइज करने के अलावा सेनेटाइजर रखवाया गया है और मास्क वितरित किए गए हैं। हालांकि कुछ खदानों के प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरतने की शिकायतें भी आ रही हैं। बावजूद इसके बिजली घरों को पर्याप्त ईंधन मिले और ये अपनी क्षमता से प्रचालन में रहते हुए देश को रोशन कर सकें इसकी जवाबदारी इन कोल कर्मियों ने अपने कंधों पर उठा रखी है। निश्चित तौर पर देश के दो लाख 77 हजार कोल अफसरों और कर्मियों के लिए ताली बजनी चाहिए, क्योंकि इस कठिन दौर में खतरों के बीच अपने कर्त्तव्य का ईमानदारी से निवर्हन करने वाले ये रियल हीरो हैं। देखें चार्ट किस कंपनी में कितने कर्मचारी:
कंपनी एक्जीक्यूटीव नाॅन-एक्जीक्यूटीव
ईसीएल 2,041 56,131
बीसीसीएल 2,064 42,458
सीसीएल 2,296 36,461
एनसीएल 1,708 12,919
डब्ल्यूसीएल 2,273 38,542
एसईसीएल 2,900 49,895
एमसीएल 1,780 20,263
एनईसी 103 1,179
सीएमपीडीआई 876 2,329
डीसीसी 22 240
सीआईएल (एचक्यू) 504 373
कुल 16,567 2,60,790
(नोट: आंकड़े 1.12.19 की स्थिति के हैं)