कोरबा (आईपी न्यूज)। वेदांता ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिडेट बीपीसीएल को खरीदने के लिए रूचि दिखाई है। वेदांता के चेयरमेन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि उनकी कंपनी इसके लिए मूल्यांकन करवा रही है। यहां बताना होगा कि अप्रेल 2017 में वेदांता ने केयर्न इंडिया लिमिटेड को मर्ज कराया था। केयर्न भारत में क्रूड आयल के कुल उत्पादन का 26 प्रतिशत की पूर्ति करता है। यह कंपनी निजी सेक्टर की क्रूड आयाल उत्पादन की सबसे बड़ी कंपनी है। यदि कंपनी बीपीसीएल को अधिग्रहण करती है तो कच्चे तेल के उत्पादन में वेदांता की भागीदारी और बढ़ जाएगी। बीते माह केन्द्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिडेट सहित सार्वजनिक क्षेत्र 5 उपक्रमों के विनिवेश की घोषणा की थी। केन्द्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बीपीसीएल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों को बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बताया गया है कि बीपीसीएल के लिए किसी भी खरीदार को करीब 90,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
खरीदार को नहीं मिलेगी नुमालीगढ़ रिफाइनरी
बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाले खरीदार को देश की 14 प्रतिशत कच्चा तेल शोधन क्षमता और ईंधन विपणन ढांचे का करीब 25 प्रतिशत मिलेगा। बताया गया है कि बीपीसीएल की बिक्री उसके पोर्टफोलियो से नुमालीगढ़ रिफाइनरी को निकालने के बाद की जाएगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी को किसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को सौंपा जाएगा।

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