कोरबा (आईपी न्यूज)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने निवेशकों से आव्हान किया है कि वे राज्य की उदारीकृत निवेश नीतियों और बेहतर कारोबारी माहौल का लाभ उठाएं। उन्होंने राज्य में निवेशकों का सम्मेलन आयोजित किए जाने और छत्तीसगढ़ को औद्योगिक हब बनाने की योजना पर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि निवेशक राज्य में पर्यावरण, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-वानिकी, स्वास्थ्य और फार्मा, होटल, कपड़ा, इस्पात, सीमेंट और खनन जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं का पता लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। राज्य की नई औद्योगिक नीति सभी क्षेत्रों में सतत और समावेशी औद्योगिक विकास को बढ़ावा देती है। नीति बहुत लचीली है और विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करती है। श्री बघेल ने राज्य में एक निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की अपनी योजना को साझा करते हुए कहा कि पहले की तुलना में राज्य में कारोबारी माहौल में काफी सुधार हुआ है और हमें उन उद्योगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है जो राज्य में निवेश करने के इच्छुक हैं। सीएम ने कहा कि राज्य पहले ही उपेक्षित रहा है। छत्तीसगढ़ नौवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी आबादी 2.80 करोड़ है। इसमें 40 प्रतिशत वन आच्छादन है, लेकिन फिर भी उद्योग है पर मुख्य क्षेत्रों तक सीमित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम अपनी असली भावना के साथ काम करता है, लेकिन फिर भी अगर कोई मुद्दा सामने आता है तो सरकार उद्योगपतियों को हर तरह का समर्थन देगी, चाहे वह मंजूरी हो या बुनियादी ढांचा विकसित करना हो।
समावेशी विकास नीतियों का मिल रहा लाभ
छत्तीसगढ़ वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई समावेशी विकास नीतियों की वजह से सबसे तेजी से विकसित राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में विकास पर ध्यान केंद्रित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ आर्थिक मंदी से प्रभावित नहीं है, क्योंकि राज्य ने किसानों की ऋण माफी और 2,500 रुपये के एमएसपी पर धान की खरीद के माध्यम से नागरिक की जेब में पैसा डाला है। पैसा अंततः बाजार में वापस आ रहा है। उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास नियम, 2015 में संशोधन कर यह सुनिश्चित किया कि जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) शिक्षा, पोषण और खनन प्रभावित क्षेत्रों की अन्य प्रमुख आवश्यकताओं को पूरा करता है।