रायपुर। मोदी सरकार के कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ के किसानों की मांगों के साथ एकजुटता जताते हुए छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के सभी घटक संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ता घड़ी चौक स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर इकट्ठे हुए और प्रदर्शन किया। इस एकजुटता प्रदर्शन में जेएनयू से आये कुछ छात्र भी पीएचडी अध्ययनरत प्रीति उमराव के नेतृत्व में शामिल हुए, जिन्हें इस विश्वविद्यालय के छात्रों ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ भेजा था। एकजुटता प्रदर्शन में संजय पराते, विजय भाई, कल्याण पटेल,, जैकब , बृजेन्द्र तिवारी, विजय भाई, विजेंद्र अजनवी, ए पी जोशी, धर्मराज महापात्र, अखिलेश एडगर, आत्माराम साहू, एडवोकेट सादिक अली, नरोत्तम शर्मा, बिपाशा पाल, प्रियांशु, आदि शामिल थे।
सीबीए संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि विरोधी कानूनों को वापस नहीं लेती, किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा और 26-27 नवम्बर को पूरे देश के किसान दिल्ली में मोदी सरकार का घेराव करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से भी मांग की कि इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक समग्र कानून बनाया जाए, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीदी सुनिश्चित हो। उन्होंने 10 नवम्बर से धान खरीदने की भी मांग की।