नई दिल्ली: कुछ वक़्त पहले यह खबर सामने आई थी कि बिस्किट कंपनी parle-g संकट से जूझ रही है. यहां तक खबरें थी कि parle जी कंपनी अपने यहां से कर्मचारियों की छंटनी  तक कर सकती है.लेकिन लॉक डाउन में पारले जी को बहुत मोटा मुनाफा हुआ है।

कंपनी ने अपनी सेल का आंकड़ा तो स्पष्ट तौर पर नहीं दिया है लेकिन यह जरूर बताया है कि मार्च अप्रैल और मई के महीने में उसकी सेल आठ दशकों में टॉप पर रही है. लॉकडाउन के दौरान पारले जी बिस्किट इतना बिका कि उसने करीब 82 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. parle-g 1938 से ही लोगों के लिए एक फेवरेट बिस्किट रहा है. पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फ़ीसदी बढ़ा है और इसमें 80-90 फीसदी ग्रोथ parle जी की सेल से हुई है।

मजदूरों और गरीबों ने खूब खरीदा parle G

दरअसल लॉक डाउन के दौरान गरीब और मजदूर आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे थे. ऐसे में पारले जी का पांच रूपये वाला पैकेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए भी खूब मददगार साबित हुआ. इन गरीब मजदूरों ने जहां खुद खरीद कर parle जी खाकर भूख को शांत करने की कोशिश की तो वहीं कुछ दूसरे मददगार लोगों ने भी मदद के तौर पर पारले जी बिस्कुट के पैकेट बांटे. लॉकडाउन में बहुत से लोगों ने तो अपने घरों में पारले जी बिस्कुट का स्टॉक जमा करके रख लिया ताकि उनको खाने में कोई दिक्कत ना आ सके. पारले जी के अलावा कुछ और कंपनियों के बिस्कुट भी लॉक  डाउन के वक्त काफी बिके हैं।

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