नई दिल्ली. वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) ने सोमवार को कहा कि उसने भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के साथ 10,000 करोड़ रुपये के दीर्घकालिक बैंक समूह के जरिये दिये जाने वाले कर्ज के लिये गठबंधन किया है. बड़ी राशि का कर्ज देने के लिये कई बैंक एक साथ मिलकर उसकी व्यवस्था करते हैं.
एसबीआई कैप ट्रस्टी होगी
वेदांता समह की अनुषंगी कंपनी हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) ने बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) को भेजी सूचना में कहा है, ‘‘वेदांता लिमिटेड ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ मिलकर 10,000 करोड़ रुपये के बैंक समूह (सिंडीकेट) द्वारा दिये जाने वाले दीर्घकालिक कर्ज के लिये गठबंधन किया है. इसमें स्टेट बैंक समूह में अग्रणी भूमिका निभायेगा जबकि एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड इसमें सिक्युरिटी ट्रस्टी होगी जिसकी अवधि सात साल की होगी.’’
SBI अपने स्तर पर उपलब्ध करायेगी 5 हजार करोड़ रुपये
कंपनी ने कहा कि स्टेट बैंक ने अपने स्तर पर 5,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई है. सूचना में कहा गया है कि इस सुविधा का इस्तेमाल वेदांता की निकट भविष्य में की जाने वाली रिण प्रतिभूतियों की परिपक्वता को निपटाने और धातु एवं खनन क्षेत्र की इस कंपनी के पूंजी व्यय को पूरा करने के लिये किया जायेगा.
आत्मनिर्भर भारत आह्वान को समर्थन देती रहेगी वेदांता
कंपनी ने पिछले दिनों यह भी कहा कि ओडिशा के लांजीगढ़ में स्थित उसका एल्युमिना परिशोधन संयंत्र एल्यूमीनियम उत्पादन के लिये गुणवत्ताम्युक्त कच्चे माल का उत्पादन करके आत्मानिभर भारत का समर्थन करता रहेगा. वेदांता लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने लांजीगढ़ संयंत्र में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह संयंत्र दुनिया में एल्यूमीनियम उत्पादन (Aluminium Production) के इतिहास में एक छाप छोड़ने के लिये तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह संयंत्र एल्यूमीनियम उत्पादन के लिये उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उत्पादन कर, डिजटलीकरण को अपनाकर, गुणवत्ता पर ध्यान देकर, कौशल में विस्तार कर तथा संपत्तियों का अधिकतम दोहन कर ‘आत्मानिभर भारत’ अभियान का समर्थन करना जारी रखेगा.’’ एक आभासी टाउनहॉल बैठक के दौरान अग्रवाल ने लांजीगढ़ में कर्मचारियों और व्यापार भागीदारों के साथ बातचीत की. उन्होंने विभिन्न मामलों पर कर्मचारियों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान वेदांता-लांजीगढ़ द्वारा उठाये गये कदमों की भी प्रशंसा की.