नासकॉम फाउंडेशन, सेफ्टी ट्रस्ट, और यूएन वुमन के साथ मिलकर वोडाफोन आईडिया लिमिटेड की सीएसआर विंग वोडाफोन आइडिया फाउंडेशन ने आज ‘माय अंबर’ (माई स्काई) ऐप के लांच की घोषणा की, जो विशेष रूप से भारत में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए डिज़ाइन और विकसित किया गया समाधान है। ‘कनेक्टिंग फॉर गुड प्रोग्राम ’के तहत विकसित किए गए माय अंबर ऐप का उद्देश्य महिलाओं को अपने खिलाफ होने वाली हिंसा को समझने और उसका विरोध करने में मदद करना है।
माय अंबर ऐप अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उपलब्ध है। यह न केवल महिलाओं को देश भर में महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों और सेवा प्रदाताओं की जानकारी देता है, बल्कि उन्हें स्टेप-बाय-स्टेप रिस्क असेसमेंट टूल के जरिए उनकी वर्तमान स्थिति से निपटने के विभिन्न तरीकों बताकर उनका मार्गदर्शन भी करता है। इसकी व्यापक सेवा निर्देशिका भी उन्हें सिर्फ एक क्लिक पर कानूनी और परामर्श सेवाओं तक पहुंचने में मदद करती है।
माय अंबर ऐप लिंग आधारित हिंसा के मुद्दे को समझने और इस बारे में मदद करने वाली सपोर्ट सर्विसेज का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को जागरूक और शिक्षित कर उनकी मदद करता है। यह लिंग आधारित हिंसा से पीड़ित और इसके खतरे में जी रही महिलाओं के लिए एक सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था करने में भी मदद करता है ताकि वे बिना किसी डर के अपनी शिकायत दर्ज करा पाएं और पक्षपात के बिना उन्हें मदद मिल पाएं।
इस ऐप का लांच एक वर्चुअल इवेंट में आदित्य बिड़ला सेंटर फॉर कम्युनिटी इनिशिएटिव एंड रूरल डेवलपमेंट की चेयरपर्सन श्रीमती राजश्री बिड़ला, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के चीफ रेगुलेटरी एंड कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर श्री पी बालाजी, यूएन वुमन की डिप्टी कंट्री रिप्रेजेन्टेटिव सुश्री निष्ठा सत्यम, सेफ्टी ट्रस्ट की फाउंडर और प्रेसिडेंट डॉ श्रुति कपूर के साथ नासकॉम फाउंडेशन के सीईओ अशोक पामिडी और वाईस प्रेसिडेंट श्री संतोष अब्राहम ने किया। उन्होंने माय अंबर ऐप के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के बारे में अपने विचार साझा किए।
माय अंबर ऐप एक माध्यम है, जिसके जरिए देश भर में महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं अपने हाथों में ले सकती है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के चीफ रेगुलेटरी एंड कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर श्री पी बालाजी ने कहा, “वोडाफोन आइडिया सस्टेनेबल सोलूशन्स के जरिए समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए अपनी तकनिकी क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि जब आप किसी भी समाज में एक महिला को शिक्षित, सशक्त या समर्थ बनाते हैं तो आप उसके पूरे परिवार के साथ ही उस समाज के मौजूदा इकोसिस्टम को भी प्रभावित करते हैं, जो आगे चलकर पूरे देश के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
इस दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, मुसीबत के समय में महिलाओं की मदद करने के लिए एक मंच पर सभी जरुरी जानकारियां और संबंधित सहायता की सुविधा प्रदान करने वाले माय अंबर ऐप को लांच करते हुए बेहद खुश हैं। नासकॉम फाउंडेशन और अन्य हितधारकों के साथ हमारा जुड़ाव महिलाओं को शिक्षित करने के लिए इस प्रयास को फैलाने और बढ़ाने में मदद करेगा, उन्हें अपने आस-पास के खतरों को समझने और पहचानने में मदद करेगा। इसके साथ ही चिकित्सा, कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सही जानकारियां भी प्रदान करेगा। ”
नासकॉम फाउंडेशन ने सैफ्टी ट्रस्ट के कंटेंट के साथ इस ऐप को डिजाइन और विकसित किया है और यह यूएन वुमन के साथ काम कर रहा है ताकि पुरे देश में अधिकांश महिलाओं को यह ऐप का उपयोग करने और डाउनलोड करने का मौका मिल सकें।
लॉन्च पर नासकॉम फाउंडेशन के सीईओ अशोक पामिडी ने कहा, “दुनिया भर में तीन में से एक महिला शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है। भारत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार 2019 में महिलाओं के खिलाफ 4 लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। ये सिर्फ आधिकारिक संख्या हैं और हम सभी जानते हैं कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा होंगे जिनकी कोई रिपोर्ट नहीं की गई होगी। इस तरह के मामलों में रोकथाम और पीड़ितों के स्वास्थ्य लाभ में उनका साथ देना दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। महिला शिक्षा, सशक्तीकरण और उत्थान की दिशा में काम करते हुए नासकॉम फाउंडेशन हमेशा समावेशी समाज के समर्थन में रहा है।
आज, माय अंबर के साथ, हमने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के लिए तकनीक का लाभ लेने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि माय अंबर का उपयोग करें और इस समाधान को भारत के हर कोने में रहनी वाली हर महिला तक पहुंचाने में हमारी मदद करें।
सामाजिक भलाई के लिए तकनीक का उपयोग करने की दिशा में हमारी खोज में वोडाफोन आइडिया हमारे सबसे बैंकेबल भागीदारों में से एक रहे हैं, और हम उनके निरंतर और अटूट समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करते हैं। हम आशा करते हैं कि यह साझेदारी और अधिक बढ़ेगी एवं हम ज़रूरी परिवर्तन लाने में मदद करने के लिए और अधिक नवीन और मापनीय तकनीकी समाधान लाएंगे।”
यह एप कई उपयोगी सुविधाएँ प्रदान करता है, जैसे:
- भारत भर में हेल्पलाइन नंबरों की डायरेक्टरी जिसका कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है,
- लिंग-आधारित हिंसा के विभिन्न पहलुओं को आसानी से समझने के लिए उस पर व्यापक जानकारी,
- उपयोगकर्ताओं को अपनी शारीरिक और भावनात्मक स्थिति को समझने के लिए स्वयं-जोखिम मूल्यांकन के साथ-साथ आगे की कार्रवाई के लिए राय,
- हिंसा के किसी भी मामले में महिलाओं की मदद करने के लिए स्टेप बाए स्टेप गाइड,
- कई अन्य सहायता उपायों के साथ एसओएस हेल्पलाइन बटन।
- इस एप का उपयोग भारत में किसी भी महिला और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जा सकता है। एप पर जानकारी अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में एक सरल और आसानी से समझने योग्य फॉर्मेट में प्रस्तुत की गई है। आगे जाकर इस प्लेटफॉर्म पर और भाषाएं जोड़ी जाएंगी। आसानी से समझने के लिए इसके कंटेंट को ऑडियो-आधारित फॉर्मेट में भी उपलब्ध है।