रायपुर: देश के विभिन्न राज्यों में छत्तीसगढ़ के 1.6 लाख मजदूरों के फंसे होने और उनकी वापसी को लेकर भाजपा और प्रदेश की कांग्रेस सरकार आमने- सामने आ गई है. प्रवासी मजदूरों की वापसी और 21 ट्रेनों के इंतजाम के दावे को लेकर भाजपा ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है और आरोप लगाया है कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार फंसे हुए मजदूरों का सही आंकड़ा नही दे रही है और इस मुद्दे की वास्तविकता छुपा रही है.

भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार फंसे हुए मजदूरों की संख्या 1.6 लाख बता रही है लेकिन प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा 3 लाख से भी अधिक है. भाजपा नेताओं का दावा है कि सरकार यदि अपने आंकड़े के अनुसार भी चलती है तो1.6 लाख मजदूरों को 21 ट्रेनों से वापस लाना संभव नहीं है.

ट्विटर वार

मामले ने तब तूल पकड़ा जब केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा, गैर भाजपा शासित राज्यों जिनमें प बंगाल, झारखंड, छ्त्तीसगढ़ और राजस्थान ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने मजदूरों की वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं दी है.’

पीयूष ने ट्वीट किया, ‘ केंद्र सरकार ने मजदूरों की वापसी के लिए 1200 ट्रेनें रिज़र्व कर दी हैं लेकिन अभी तक इन राज्यों ने अपने यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की अनुमति नही दे रहे हैं जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है.

हालांकि, भाजपा के इस आरोप का जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दिया. बघेल ने कहा ‘छत्तीसगढ़ ने 30 ट्रेन मांगी थीं लेकिन अभी तक हमें सिर्फ 14 ही मिली हैं. ट्रेनों के लिए हमने करीब 1.17 करोड़ रुपए का भुगतान भी रेलवे को कर दिया गया है. रेलवे या किसी अन्य राज्य की ओर से कोई प्रस्ताव हमारे पास लंबित नही है. केंद्रीय रेल मंत्रीजी आपका बयान तथ्यहीन और आधारहीन है.’

हालांकि बघेल ने पीयूष गोयल को ट्वीट द्वारा दिए जवाब में कहा है कि राज्य सरकार ने 30 ट्रेनों के लिए भुगतान किया है फिर भी भाजपा नेताओं ने मांग की कि प्रदेश सरकार बताए की उसने केंद्र से कितनी ट्रेनों की मांग की है.

बता दें कि बघेल ने ट्वीट कर यह भी जानकारी दी है कि इन ट्रेनों के आने के बाद हम बचे हुए श्रमिकों का हिसाब लगाकर ज़रूरत ले हिसाब से और ट्रेनों की अनुमति मांगेंगे. बघेल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि अनियोजित लॉकडाउन की वजह से ही श्रमिक मुसीबत में फंसे फिर उनसे टिकट के पैसे भी मांगे गए.

 

 

 

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