नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच भारत में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए। स्थिति में सुधार के साथ रोजगार के मौके भी बढ़े। मगर अभी भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। कोरोना संकट के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने कई तरह की नयी योजनाएं शुरू कीं, जिनमें गरीबों के लिए फ्री राशन और महिला जनधन खाताधारकों को पैसा दिया जाना शामिल है। इसी तरह सरकार बेरोजगारों के लिए भी एक स्कीम शुरू कर चुकी है। श्रम मंत्रालय ने कोरोना काल में बेरोजगारों के लिए अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना शुरू की, जिससे नौकरी गंवाने वालों को काफी फायदा हुआ है। सरकार ने बेरोजगार हुए लोगों को 16 करोड़ रु बांटे हैं। जबकि इस योजना के लिए अभी भी बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार नौकरी गंवा चुके 36 हजार लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है। इतना ही नहीं अब भी लगभग 1 हजार लोग अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना के तहत आवेदन कर रहे हैं। हालांकि आवेदन करने वालों में से 16 हजार को लोगों के बीच ही 16 करोड़ रु बंटे हैं, जबकि बाकी 20 हजार लोगों के आवेदनों की जांच जारी है। संकट के इस समय में अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना बेरोजगारों के बीच काफी लोकप्रिय हुई है।

जहां तक अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना के तहत मिलेन वाली राशि की बात है तो बेरोजगार लोगों को सैलेरी का 50 फीसदी पैसा मिलता है। ये पैसा अधिकतम तीन महीने तक मिलता है। ये तीन महीने वो समय है जिसमें अगर बेरोजगार व्यक्ति कोई नौकरी हासिल कर ले। अगर तीन महीने से पहले ही किसी की नौकरी लग जाए तो फिर योजना का बेनेफिट मिलना बंद हो जाता है।

कुल 36 हजार आवेदकों में से अभी तक 16 हजार लोगों को पैसा मिला है। बाकी बचे 20 हजार लोगों के आवेदन की जांच चल रही है। साथ ही भुगतान की प्रोसेस भी जारी है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोगों की मदद करने के लिए सरकार ने अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना की शुरुआत की थी।

बता दें कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले ईएसआईसी के तहत अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना का शुभारंभ किया गया था। यानी ईएसआईसी के तहत जिन लोगों को लाभ मिलता है वे सभी इस योजना से फायदा ले सकते हैं (बशर्ते के वे कोरोना संकट में बेरोजगार हुए हों)। ईएसआईसी के लाभार्थियों की संख्‍या लगभद 3.5 करोड़ है। इसमें बहुत से लोग कोरोना काल में बेरोजगार हुए।

अटल बीमित व्‍यक्ति कल्‍याण योजना का लाभ लेने वाले सबसे अधिक लोग आंध्र प्रदेश से रहे। वहीं इस लिस्ट में सबसे पीछे उत्तर प्रदेश और बिहार का नाम है। इन दोनों राज्यों के बेरोजगार हुए सबसे कम लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया। लिस्ट में जिन राज्यों ने आंध्र प्रदेश के बाद योजना का सबसे अधिक फायदा उठाया उनमें हरियाणा और महाराष्ट्र का अगला नंबर है।

 

 

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