अमरीका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थकों की हिस्सा की दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की है। संसद भवन परिसर में श्री ट्रंप के समर्थकों के उत्पात में चार लोगों की मौत हो गई। वाशिंगटन डीसी में 15 दिन के लिए आपातकाल घोषित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एन्टोनियो गुतरेस ने कहा कि राज नेताओं के लिए अपने समर्थकों को नियंत्रित रखना जरूरी है ताकि हिस्सा ने हो और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं तथा कानून का पालन हो सके।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने कहा है कि उन्हें अमरीका में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए शांति और सम्मान कायम होने का विश्वास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे वाशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा की खबरों से व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता का व्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए और गैर-कानूनी विरोध प्रदर्शन कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अमेरिकी कांग्रेस में उत्पन्न स्थिति को अमर्यादित बताया। उन्होंने कहा कि अमरीका दुनिया भर में लोकतंत्र का समर्थक है और सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तथा व्यवस्थित तरीके से होना चाहिए।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने भी इस घटना के पीडितों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि लोकतंत्र कायम रहेगा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा के लोग, हमारे सबसे करीबी सहयोगी और पडोसी देश अमरीका में लोकतंत्र पर हमले से बहुत परेशान और दुखी हैं।
दंगे के कारण, जो बाइडेन को राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित करने के लिए आयोजित कांग्रेस का संयुक्त अधिवेशन कुछ घंटों के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस ने बाद में इसकी पुष्टि कर दी। इसके साथ ही इस महीने की बीस तारीख को जो बाइडेन को अमरीका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
उप-राष्ट्रपति और सीनेट के अध्यक्ष माइक पेंस ने कांग्रेस में इस बात की पुष्टि की कि नवम्बर में हुए चुनाव में, पांच सौ 38 इलेक्टोरल वोट में से जो बाइडेन और कमला हैरिस को तीन सौ छह, जबकि डॉनल्ड ट्रंप और माइक पेंस को दो सौ 32 वोट मिले हैं।