भिलाई (IP News). बिजली की चमक से उत्पादन की धमक तक सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपना परचम लहराया है। पर्यावरण की रक्षा के लिए सेल-बीएसपी ने ग्रीन पॉवर जनरेशन पर विशेष फोकस किया है। भिलाई में स्थापित पॉवर प्लांटों के अतिरिक्त अपनी उत्पादन प्रक्रिया से प्राप्त अपशिष्ट गैसों का उपयोग करते हुए बिजली बनाने में कामयाबी हासिल की है।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, एक एकीकृत इस्पात संयंत्र होने के नाते 365 दिन तीनों शिफ्टों में चैबीसों घंटे (24 ग 7) काम करता है। अतः इसे निरंतर प्रचालन में रखने के लिए चैबीस घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसके चलते बीएसपी में बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होती है। बीएसपी का औसत बिजली लोड 300 मेगावॉट है। अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से बीएसपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए अपने कैप्टिव और नॉन-कैप्टिव स्त्रोतों से प्राप्त 300 मेगावॉट बिजली का वितरण करता है। इसके माध्यम से जहाँ संयंत्र के भीतर सभी विभागों को बिजली की आपूर्ति की जाती है। वहीं इसके साथ ही बीआरपी, टाउनशिप, ऑक्सीजन प्लांट आदि को भी बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
पॉवर प्लांट से प्राप्त बिजली
सेल-बीएसपी के पास कुल तीन पॉवर प्लांट संचालित हैं। जिसमें पॉवर प्लांट-1 (पीपी-1), पॉवर प्लांट-2 (पीपी-2) एवं आंशिक रूप से केप्टिव पॉवर प्लांट, पॉवर प्लांट-3 (पीपी-3) शामिल है। पीपी-2 और पीपी-3 एनएसपीसीएल के अंतर्गत आते हैं जो एनटीपीसी और सेल के बीच एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है जिसे एनटीपीसी-सेल पॉवर कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के नाम से जाना जाता है। बीएसपी को राज्य के छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्राँंसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीटीसीएल) से भी बिजली प्राप्त होती है।
बीएसपी के कैप्टिव पॉवर प्लांट में पुराने पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन शामिल हैं, जिसे पीपी-1 के रूप में जाना जाता है, 51 मेगावॉट इसकी स्थापित क्षमता है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का पॉवर सिस्टम विभाग, बीएसपी के समग्र उत्पादन गतिविधियों व सेवा इकाइयों और भिलाई टाउनशिप में विद्युत ऊर्जा की आपूर्ति कर महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस महती कार्य को 7 ईएचटी (एक्स्ट्रा हाई टेंशन) सब-स्टेशनों, 75 एचटी (हाई टेंशन) सब-स्टेशनों और सम्पूर्ण संयंत्र में फैले 300 से ज्यादा एलटी (लो टेंशन) सब-स्टेशनों के साथ मिलकर एक बड़े पॉवर सिस्टम नेटवर्क के माध्यम से संभव बना रहा है।
ग्रीन पॉवर जनरेशन पर फोकस
बॉयलर कोल और तेल सहित जीवाश्मध्फॉजिल ऑइलध्फ्यूल्स पर निर्भरता को कम करने की दिशा में अपने प्रयास में भिलाई इस्पात संयंत्र का बिजली उत्पादन टीम अब ग्रीन पॉवर को अधिकतम करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है, जिससे प्रदूषण और उत्पादन लागत दोनों में कमी लायी जा सकती है।
संयंत्र के मॉडेक्स प्रोग्राम के भाग के रूप में नये पीबीएस की स्थापना और कमीशनिंग की गई है, 25 मेगावॉट इसकी स्थापित क्षमता है। यह ब्लास्ट फर्नेसेस और कोक ओवंस एवं कोल केमिकल विभाग से उत्पन्न अपशिष्ट गैसों से भी बिजली उत्पन्न करता है।
बिजली उत्पादन की नई तकनीक के साथ सुविधाएंँ जो पर्यावरण के अनुकूल भी हैं जैसे कि टॉप रिकवरी टरबाइन और बैक प्रेशर टर्बो जनरेटर जो क्रमशः ब्लास्ट फर्नेस-8 और कोक ओवन बैटरी-11 नए मॉडेक्स इकाइयों के भाग के रूप में आए हैं। ब्लास्ट फर्नेस-8 और कोक ओवन बैटरी-11 दोनों ही प्रोसेस स्टीम से बिजली उत्पन्न कर रहे हैं।
विदित हो कि वर्तमान सुविधाओं से संयंत्र की बिजली उत्पन्न करने वाली टीम अधिक बिजली पैदा करने में सक्षम है। वर्तमान में प्लांट के बेस लोड को पूरा करने के लिए सिर्फ दो स्टीम टर्बो जनरेटर प्रचालित किए जा रहे हैं। पुराने पावर प्लांट-1 में एसटीजीएस के चार नग हैं, जहाँ एक स्टीम टर्बो जनरेटर (एसटीजी-3) का प्रचालन किया जा रहा है, वहीं नये पीबीएस में एक स्टीम टर्बो जेनरेटर (एसटीजी-4) को प्रचालित किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बॉयलर कोक और ऑइल के अधिक उपयोग से बचें और इसके बजाय उपलब्ध ब्लास्ट फर्नेस और कोक ओवन गैस का उपयोग किया जाए। पुराने पीपी-1 और नए पॉवर एंड ब्लोइंग स्टेशन दोनों को अब पीबीएस के नाम से जाना जायेगा।
इसके अतिरिक्त संयंत्र के विभिन्न शॉपों और विभागों को चलाने के लिए तथा बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के अलावा, पॉवर जनरेशन टीम ब्लास्ट फर्नेस-8, ब्लास्ट फर्नेस-7, कोक ओवन तथा स्टील मेल्टिंग शॉप-3 के सेकंडरी रिफाइनिंग यूनिट्स आरएच डीगैसर की प्रोसेस स्टीम से बिजली प्राप्त कर बिजली की जरूरतों को पूरा कर रही है।
ज्ञात हो कि अब पीपी-1 के टीजी-3, नये पीबीएस के टीजी-4, ब्लास्ट फर्नेस-8 के टीआरटी (टॉप रिकवरी टरबाइन) और कोक ओवन बैटरी-11 के बीपीटीजी (बैक प्रेशर टर्बो जनरेटर) से लगभग 50.5 मेगावॉट कुल बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। 50 मेगावॉट से अधिक कुल बिजली के उत्पादन से संयंत्र की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
एनएसपीसीएल से बिजली आपूर्ति
भिलाई इस्पात संयंत्र, थर्मल पावर प्लांट-2 सहित अन्य कैप्टिव स्त्रोतों से अपनी बिजली की आवश्यकता को पूरा करता है, जो कि एनटीपीसी सेल पॉवर कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड (एनएसपीसीएल) द्वारा संचालित होता है, जो सेल और एनटीपीसी के 50ः50 प्रतिशत का संयुक्त उद्यम है। विदित हो कि पॉवर प्लांट-2 की स्थापित क्षमता 74 मेगावॉट है।
भिलाई इस्पात संयंत्र का पॉवर प्लांट-3 जो कि एनएसपीसीएल द्वारा प्रचालित थर्मल पॉवर प्लांट है से भी बिजली प्राप्त करता है। 500 मेगावॉट की स्थापित क्षमता में से सेल का आबंटन 280 मेगावॉट है, जिसमें 265 मेगावॉट बीएसपी का आबंटन शामिल है। पीपी-3 से बिजली की आपूर्ति बीएसपी के टाउनशिप को की जाती है और ऑक्सीजन प्लांट जो कि बीओओ (बिल्ड ऑन ऑपरेट) बेसिस पर मेसर्स प्रैक्सेयर द्वारा चलाया जाता है, उसे भी बिजली की आपूर्ति की जाती है। शेष बचे हुए 15 मेगावॉट बिजली को सेल के सेलम इस्पात संयंत्र में भेजा जाता है।
सीएसपीडीसीएल से प्राप्त बिजली
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) के एचवी-4 उपभोक्ता होने की वजह से, बीएसपी ने 150 मेगावॉटध्एमवीए की मांग का अनुबंध किया है।
पीएसडी ने सुनिश्चित की निर्बाध बिजली आपूर्ति
प्रत्येक इकाई से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, पॉवर सिस्टम विभाग द्वारा समय-समय पर प्रिवेंटिव मेंटेनेंस और विभिन्न प्रकार के विद्युत उपकरणध्कम्पोनेंट जैसे सर्किट ब्रेकर्स, ट्राँंसफॉर्मर, रिएक्टर, सीटी, पीटी, एलए, डिसकनेक्टर, एचटी केबल्स, ट्राँसमिशन टॉवर्स, ओवरहेड लाइनों, एमजी सेट्स, थाइरिस्टर यूनिट्स, बैटरीज, बैटरी चार्जर्स, कैपेसिटर बैंक आदि के मरम्मत कार्य का संचालन किया जाता है। प्रिवेंटिव मेंटेनेंस के अलावा, पॉवर सिस्टम के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों का नियमित इंस्पेक्शन और विभिन्न प्रकार के तकनीकी मॉनिटरिंग जैसे कार्यों को कार्यान्वित किया जाता है।
सभी इकाइयों और टाउनशिप की विद्युत ऊर्जा की गहन निगरानी और विश्लेषण किया जाता है और इनके आधार पर उत्पादन की इनपुट लागत को कम करने के लिए कई ऊर्जा संरक्षण उपायों की शुरुआत की गई है। पॉवर सिस्टम विभाग, मरम्मत लागत को अनुकूलतम बनाने के लिए लगातार लागत नियंत्रण उपाय भी कर रहा है।
पॉवर सिस्टम विभाग, संयंत्र परिसर के भीतर हाई मास्ट, लाइटिंग टॉवर्स और स्ट्रीट लाइट सहित सभी सुरक्षा गेटों, अग्निशमन केन्द्र, संयंत्र भवन, बीटीआई, बीएसपी स्टोर्स आदि स्थानों में सामान्य रूप से प्रकाश व्यवस्था को सुनिश्चित करने के कार्य को बखूबी अंजाम दे रहा है।
आईएसओ 9001 से प्रमाणित है पीएसडी
पॉवर सिस्टम विभाग (पीएसडी), इलेक्ट्रिकल संगठन के अन्तर्गत आने वाले सात विभागों में से एक है जिसका प्रमुख मुख्य महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) होता है। पॉवर सिस्टम विभाग आईएसओ 9001ः2011 प्रमाणित इकाई होने के नाते प्रत्येक क्रियाकलापों में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।