स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर कहा है कि 28 फरवरी 2020 तक अपना केवाईसी (KYC) पूरी करा लें, अन्यथा आप अपने खाते से कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे। बता दें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंक खातों के लिए केवाईसी को जरूरी बना दिया है।
बैंक ने कहा है कि कृपया नवीनतम केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने एसबीआई ब्रांच में जाकर संपर्क करें। KYC पूरी नहीं करने पर आपके खाते को फ्रीज किया जा सकता है।
केवाईसी के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट: SBI की वेबसाइट के मुताबिक, केवाईसी के लिए ग्राहक को अपना पहचान पत्र देना होगा। इनमें से कोई भी हो सकता है पहचान पत्र…
- वोटर आईडी
- पासपोर्ट
- आधार पत्र/कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- नरेगा कार्ड
- पेंशन भुगतान आदेश
- डाकघरों द्वारा जारी पहचान पत्र
- ऐसे जन प्राधिकरण संस्थाओं द्वारा जारी पहचान पत्र जो अपने द्वारा जारी पहचान पत्रों का रिकॉर्ड रखती हैं।
- छात्रों के मामले में यदि वे अपने नजदीकी संबंधी के साथ रह रहे हों तो उस संबंधी की घोषणा के साथ उनका पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र।
पते के लिए प्रमाण पत्र
- टेलीफोन बिल (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- बिजली का बिल (जो 6 महीने से अधिक पुराना न हो)
- मान्यता प्राप्त सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी पत्र
- बैंक खाता विवरण (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- राशन कार्ड, विश्वसनीय नियोक्ताओं द्वारा जारी पहचान पत्र, आयकर/सम्पदा कर मूल्यांकन आदेश
- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट (जो 3 महीने से अधिक पुराना न हो)
- पंजीकृत लीव & लाइसेंस करार /सेल डीड/लीज एग्रीमेंट की प्रतियां
- विश्वविद्यालय/संस्था के हास्टल वार्डेन द्वारा छात्र को जारी पत्र, जिसे रजिस्ट्रार, प्रिंसपल/ डीन –छात्र कल्याण द्वारा प्रति हस्ताक्षरित किया गया हो
क्या है केवाईसी?
केवाईसी यानि “नो योर कस्टमर” यानि अपने ग्राहक को जानिये। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित पहचान प्रक्रिया है केवाईसी, जिसकी मदद से बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं अपने ग्राहक के बारे में अच्छे से जान पाती हैं। बैंक तथा वित्तीय कम्पनियां इसके लिए फॉर्म को भरवा कर इसके साथ कुछ पहचान के प्रमाण भी लेती हैं।
घर बैठे करा सकते हैं केवाईसी
अगर आप ब्रांच नहीं जाना चाहते हैं तो भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आपके लिए घर बैठे केवाईसी कराने की सुविधा दी है। आरबीआई द्वारा हाल ही में केवाईसी नियमों में किए गए बदलाव के मुताबिक आधार बेस्ड वीडियो कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रॉसेस (V-CIP) को मंजूरी दी गई है। अब बैंक, एनबीएफसी और दूसरे लोन देने वाले संस्थान वीडियो बेस्ड आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस का इस्तेमाल केवाईसी के लिए कर सकेंगे।
ऐसे होगी वीडियो केवाईसी
इस नई व्यवस्था के तहत दूरदराज के इलाकों में मौजूद फाइनैंशल इंस्टीट्यूशन के अधिकारी पैन या आधार कार्ड और कुछ सवालों के जरिए ग्राहक की पहचान कर सकेंगे। वीडियो कॉल का विकल्प संबंधित बैंक या संस्था के डोमेन पर ही मिलेगा।
ग्राहक थर्ड पार्टी सोर्स जैसे- गूगल डुओ या व्हाट्सएप कॉल या अन्य किसी माध्यम से वीडियो कॉल नहीं कर सकेंगे। इसके तहत वित्तीय संस्थाओं के अधिकारी पैन या आधार कार्ड पर आधारित कुछ सवाल के जरिए ग्राहक की पहचान की पुष्टि कर सकेंगे। इसके साथ ही एजेंट को जियो-कॉर्डिनेट्स के तहत इसकी पुष्टि भी करनी होगी कि ग्राहक देश में ही है।