नई दिल्ली। स्वीडिश फर्नीचर चेन Ikea ने भारत में अपने कारोबारी रणनिति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यह कंपनी अपने प्रोडक्ट की कीमतों में कमी करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आइकिया ने कहा कि कंपनी स्थानीय बाजार से सोर्स किए गए प्रोडक्ट की कीमतों में एक तिहाई से ज्यादा की कमी करने का फैसला किया है। भारत में फर्नीचर हब बनाने के लिए आइकिया अन्य खिलाड़ियों के साथ सरकार के साथ बातचीत कर रही है। बता दें कि कंपनी इसके लिए लकड़ी की मूल किस्मों की भी तलाश कर रही है, जिसमें, शीशम, आम और टिकाऊ घास, जैसे बांस सम्मिलित है।अब तक, आइकिया मुख्य रूप से यूरोपीय बाजारों से बर्च, पाइन और राख जैसे लकड़ी का उपयोग कर रहा है। इन स्वदेशी कच्चे माल से बने फर्नीचर आइकिया के अंतरराष्ट्रीय स्टोर तक पहुंचेंगे, आइकिया इंडिया के कंट्री कमर्शियल मैनेजर कविता राव ने टीओआई को इसकी जानकारी दी है।
राव ने बताया कि, आइकिया वस्त्रों के साथ-साथ स्थानीय सोर्सिंग का विस्तार कर रहा है, जो भारत की ताकत रही है। “हमें नई श्रेणियों के लिए अपने काम में तेजी लानी पड़ी है और मेटल, प्लास्टिक और आराम श्रेणियों के साथ अच्छी सफलता मिली है, जैसे कि गद्दे और सोफे,”
आइकिया कंपनी, जिसने दो साल पहले अपना भारत परिचालन शुरू किया था, वर्तमान में अपने स्थानीय सोर्सिंग को एकल अंकों से 20-25% तक बढ़ा दिया है। सिंगल-ब्रांड रिटेलर के रूप में, भारत में परिचालन शुरू करने के पांच साल के भीतर इसे 30% स्थानीय सोर्सिंग से पूरा करना होगा।