नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के 6 और हवाई अड्डों को प्राइवेट कंपनियों को देने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया गया है कि इसको लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को इसी महीने मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के निदेशक मंडल ने अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिचि हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 1 मई को नागरिक उड्डयन क्षेत्र के मुद्दों पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इन हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए प्रक्रिया तेज कर तीन महीने के भीतर निविदा जारी करने का निर्देश दिया था।
एएआई के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि दूसरे चरण के तहत इन छह हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है। इसी महीने इस संबंध में प्रस्ताव मंत्रिमंडल के विचार के लिए रखा जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद निविदा जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछले साल फरवरी में पहले चरण के तहत लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए बोली प्रक्रिया पूरी की गई थी।
सभी छह हवाई अड्डों के लिए अडाणी समूह का चयन किया गया था। इनमें अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डों का प्रबंधन 50 साल के लिए अडाणी समूह को सौंपा जा चुका है, जबकि अन्य तीन हवाई अड्डों का प्रबंधन भी कंपनी को जल्द सौंपे जाने की उम्मीद है।
कानूनी पेंच की वजह से जयपुर, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों का प्रबंधन अडाणी समूह को अब तक नहीं सौंपा जा सका है। सरकार ने हवाई अड्डों का प्रबंधन निजी कंपनियों को सौंपने की योजना को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में भी शामिल किया है।