नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से एलआईसी और आईडीबीआई में हिस्सेदारी बेचने के फैसले का आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने विरोध किया है। संगठन ने जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है। भारतीय मजदूर संघ ने शनिवार को आए बजट के बाद देर शाम जारी बयान में सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है। मजदूर संघ ने कहा है कि राष्ट्र की सम्पत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने का तरीका खराब अर्थशास्त्र का उदाहरण है। संघ से जुड़े इस संगठन ने सरकार के आर्थिक सलाहकारों और नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए उनके ज्ञान और विजन में कमी बताई है।
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि बेहतर हो कि सरकार बगैर राष्ट्र की संपत्तियों को बेचे राजस्व जुटाने का कोई मॉडल बनाए। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश के मध्यम वर्ग की बचत को सुरक्षित रखने वाला उपक्रम है, जबकि आईडीबीआई ऐसा बैंक है जो छोटे उद्योगों को वित्तपोषित करता है। ऐसे में दोनों उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राजस्थान के जोधपुर में चल रहे संगठन के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया गया।