आर्मेनिया और अज़रबैजान नागोर्नो-कारबाख में आज से संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं। दोनों देशों के शीर्ष राजनायिकों ने एक बयान में कहा है कि इस संघर्ष विराम का उद्देश्य बंदियों की अदला-बदली और मृतकों के शवों की खोज करना है। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष मामलों पर बाद में सहमति होगी।
दोनों देशों के राजनयिकों के बीच मॉस्को में हुई दस घंटे की बातचीत के बाद यह घोषणा की गई है। इस बातचीत में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने समन्वय किया। श्री लावरोव ने कहा कि इस संघर्ष विराम से विवाद सुलझाने के लिए आगे की बातचीत का रास्ता खुलेगा।
अजरबैजान और आर्मेनिया की सेनाओं के बीच हाल के संघर्ष की शुरुआत 27 सितम्बर को हुई, जिसमें कई लोग मारे गए थे। यह संघर्ष दशकों पुराने नागोर्नो कारबाख पर कई दशकों से चल रहे विवाद के कारण शुरू हुआ था। यह क्षेत्र अजरबैजान में पड़ता है लेकिन 1994 में हुए एक अलगाववादी संघर्ष के बाद इस पर आर्मेनिया के कुछ सशस्त्र गुटों का कब्जा था जिन्हें आर्मेनिया की सेना समर्थन दे रही थी।
आर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आमंत्रण के बाद शुरू हुई थी।