इस्पात और पीएनजी मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस्पात दिग्गज आर्सेलर मित्तल-निपोन स्टील इंडिया और ओडिशा सरकार को ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में 12 मीट्रिक टन का एकीकृत इस्पात संयंत्र लगाने के बारे में 4 मार्च, 2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए बधाई दी। इस संयंत्र पर 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। श्री प्रधान ने एक बयान में कहा, “केंद्रपाड़ा में यह इस्पात संयंत्र ओडिशा में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक नया चरण शुरू करेगा और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूर्वोदय और आत्मनिर्भर भारत परिकल्पनाओं को साकार करेगा।”
एल.एन. मित्तल ने 2 मार्च, 2021 को धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी और इस मुलाकात के दौरान भारत में और खासतौर से पूर्वी भारत में इस्पात उद्योग की तरक्की के बारे में विचार-विमर्श हुआ था।श्री प्रधान पहले ही इस्पात क्षेत्र में मिशन पूर्वोदय की शुरुआत कर चुके हैं, जिसका उद्देश्य पूर्वी भारत को तरक्की के रास्ते पर ले जाना और इस्पात कलस्टर स्थापित कर तथा ग्रीनफील्ड क्षमता में वृद्धि कर उसे एकीकृत इस्पात केंद्र बनाना है। यह मिशन प्रधानमंत्री की पूर्वी भारत को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए गढ़ी पूर्वोदय परिकल्पना के अनुरूप है। यह इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 2030 तक300 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष (एमटीटीए) करने के राष्ट्रीय इस्पात नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी योगदान देगा।
भारत सरकार इस विशाल इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। 12 मीट्रिक टन के इस इस्पात संयंत्र का लक्ष्य सम्पदा निर्माण और रोजगार सृजन के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के भारत सरकार के प्रयासों को अमली जामा पहनाना है। इसका एक उद्देश्य राष्ट्रीय इस्पात नीति जैसे सहायक नीति सुधार लाने के साथ-साथ सुविधाओं से संपन्न अवसंरचना तैयार करना है। केंद्रपाड़ा में स्थापित किए जाने वाले इस आर्सेलर मित्तल-निपोन मेगा स्टील प्लांट को पिछले 6 सालों में इस क्षेत्र में किए गए बुनियादी ढांचे के जबरदस्त विकास जैसे पारादीप बंदरगाह तथा महानदी तटवर्ती बंदरगाह, पारादीप-हरिदासपुर नई लाइन जैसे मुख्य माल एवं यात्री ढुलाई रेल कॉरिडोर तथा राजमार्गों के तेजी से हो रहे निर्माण का लाभ भी मिलेगा। धर्मेंद्र प्रधान ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने ओडिशा के लिए समग्र और व्यवसाय अनुकूल विकास पहलों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की।