समाचार वेबसाइट डेली मेल ने ईरानी मीडिया के हवाले से बताया है कि पूरे इस्लामिक रिपब्लिक में मेथेनॉल का सेवन करने से 300 लोगों की मौत हो गई और अब8 तक 1000 लोग बीमार हो चुके हैं। बता दें कि ईरान में अल्कोहल पीना बैन है और मेथेनॉल नशीला पदार्थ होता है। नशीले पदार्थ मेथनॉल से मौतों की ये खबर ऐसे वक्त में आई है, जब तेहरान ने शुक्रवार को 144 नए मौत के मामलों की घोषणा की है। कोरोना वायरस से ईरान में अब तक 2378 लोगों की मौत हो चुकी है और 2926 नए मामलों के साथ इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 32300 हो गई है।
दरअसल, ईरान में सोशल मीडिया पर कोरोना वायस से बचने की यह अफवाह काफी तेजी से फैली। इसके बारे में कम जानकारी होने की वजह से लोगों ने बिना तथ्यों की जांच किए मेथनॉल का सेवन कर लिया। ओस्लो में मेथेनॉल प्वाइजनिंग पर अध्ययन करने वाले डॉ नॉट एरिक ने कहा कि ईरान में वायरस फैल रहा है और लोग इससे तेजी से मर रहे हैं और मुझे लगता है कि वे इस तथ्य के बारे में भी कम जानते हैं कि आस-पास अन्य खतरे भी हैं। उन्होंने आशंका जताई कि ईरान में कोरोना का प्रकोप और भी बदतर हो सकता है।
दरअसल, ईरानी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक झूठी अफवाह फैली, जिसमें यह कहा गया कि एक ब्रिटिश स्कूल के शिक्षक और अन्य ने व्हिस्की और हनी के सेवन से कोरोना वयारस से खुद को बचा लिया। इसके बाद अफवाह काफी तेजी से अलग-अलग संदर्भों में फैलने लगी। कुछ लोगों ने यह भी मान लिया कि अधिक मात्रा में अल्कोहल पीने से उनके शरीर में मौजूद कोरोना वायरस मर सकता है। बता दें कि मेथेनॉल में न तो गंध होती है और न ही कोई टेस्ट होता है। इससे शरीर के अंग और ब्रेन के डैमेज होने का खतरा होता है। इसके सेवन से लोग कोमा में भी जा सकते हैं।
‘अल्कोहल पीने से कोरोना ठीक हो सकता है’, अफवाह अब भी लोगों में फैल रही है और अगर लोग ऐसे ही इसका सेवन करते रहे तो अभी कई लोग इस जहर के शिकार होंगे। बता दें कि अब तक इस घातक कोरोना वायरस से फैली महामारी कोविड-19 का इलाज नहीं मिल पाया है और यह पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा है। यही वजह है कि इससे प्रकोप से बचने के लिए दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी घरों में कैद है। वैज्ञानिक और डॉक्टर इसका वैक्सीन बनाने की लगातार कोशिश में जुटे हैं।