नई दिल्ली (IP News). जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के छात्रों को सहायता देने के उद्देश्य सेएआईसीटीई ने प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) के तहत निर्वाह भत्ते के रूप में 20,000 रुपये की किस्त जारी करने का फैसला किया है। यह निर्णय छात्रों को अपनी ऑनलाइन पढ़ाई पूरी करने में मदद देने और समर्थ बनाने के लिए लिया गया है।
पीएमएसएसएस योजना के तहत, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के युवाओं कोदो भागों वाली छात्रवृत्ति-शैक्षणिक शुल्क और निर्वाह भत्ता- के जरिए सहायता प्रदान की जाती है।एआईसीटीई ने सभी संस्थानों को वर्ष 2020-21 के लिए संपूर्ण शैक्षणिक शुल्क पहले ही जारी कर दिया है। इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पिछले शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के अंत तक का संपूर्ण निर्वाह भत्ता जारी किया गया था।इसके बाद कोविड-19 के कारण, देशभर के शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए और केवल ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं।चूंकि इसमें कोई छात्रावास और भोजनालय का खर्च शामिल नहीं है, इसलिए निर्वाह भत्तेको छात्रों के शैक्षणिक संस्थानों में वास्तविक रूप से शामिल होने तक के लिए निलंबित कर दिया गया।
हालांकि, छात्रों को अपनी ऑनलाइन पढ़ाईपूरी करने में मदद करने और समर्थ बनाने के लिए20,000 रुपये की किस्त जारी करने का निर्णय लिया गया है। यह राशि ऑड सेमेस्टर (जुलाई-दिसंबर 20) की कक्षाओं में शामिल रहने वाले सभी लाभार्थियों को जारी की जायेगी।बाद की किस्तें छात्रों के अपने संबंधित संस्थानों में वास्तविक रूप से जुड़ने के उपरांत संस्थान द्वारा जारी निरंतरता प्रमाणपत्र के सत्यापन के आधार पर जारी की जायेंगी।
पृष्ठभूमि:
जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया था। इसके बाद, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) लागू की जा रही है।
इस योजना का लक्ष्य जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के युवाओं को शिक्षित करते हुए, उन्हें सक्षम और सामान्य तरीके से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सशक्त बनाते हुए उनकी क्षमता का निर्माण करना है। इस योजना के तहत, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के युवाओं कोशैक्षणिक शुल्क और निर्वाह भत्ता नाम की दो भागों वाली छात्रवृत्तिके जरिए सहायता प्रदान की जाती है।शैक्षणिक शुल्क का भुगतान उस संस्थान को किया जाता है, जहां छात्र को एआईसीटीई द्वारा आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद प्रवेश दिया जाता है।शैक्षणिक शुल्क में विभिन्न व्यावसायिक, चिकित्सा और अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए तय सीमा के अनुरूपशिक्षण शुल्क और अन्य घटक शामिल हैं।छात्रावास, भोजनालय, किताबें और स्टेशनरी आदि के खर्च को पूरा करने के लिएलाभार्थी को 1 लाख रुपये की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है और इसका भुगतान10,000 रुपए प्रति माह के किस्तों मेंसीधे छात्रों के खाते में किया जाता है।