कोरबा (IP News). देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी के लारा प्रोजेक्ट की 800 मेगावाट क्षमता वाली दूसरी इकाई भी उत्पादन में आ गई है। इसी के साथ ही एनटीपीसी की कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर 62910 मेगावाट हो गई है। सोमवार को एनटीपीसी प्रबंधन ने इस आषय की घोषणा की।

यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के अंतर्गत पुसौर क्षेत्र में 4000 मेगावाट क्षमता लारा सुपर क्रिटिकल पाॅवर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है। इसमें 800 मेगावाट क्षमता वाली पांच इकाइयां होंगी। मार्च 2019 में पहली इकाई फुल लोड पर आ गई थी। जबकि कमिशिनिंग 18 मार्च, 2018 को हो चुकी थी। 800 मेगावाट की दूसरी यूनिट का इसी साल 14 फरवरी को सिंक्रोनाइजेशन किया गया था। 20 जुलाई को यह इकाई भी उत्पादन में आ गई। मई 2020 तक की स्थिति में परियोजना की लागत 13683.68 करोड़ रुपए थी। 19 सितंबर, 2013 में तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली से रिमोट दबाकर इसका भूमिपूजन किया था।

शुरुआत से विवादों में घिरा रहा है प्रोजेक्ट

लारा एनटीपीसी का विवादों से गहरा नाता रहा है। जमीन अधिग्रहण के दौरान अवैधानिक बंटवारा और छोटे टुकड़ों में जमीन की खरीद-बिक्री के कारण करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया था। मुआवजा व बोनस पाने के लालच में जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े कर किए गए। इस फर्जीवाड़े में स्थानीय भूमाफिया के साथ ही एनटीपीसी के कुछ अफसर भी लिप्त थे। इसके बाद दो एसडीएम समेत आधा दर्जन से अधिक तहसीलदार व पटवारी व पंचायत सचिवों पर कार्रवाई हुई थी। वहीं रोजगार व नौकरी की मांग को लेकर प्रभावित किसानों द्वारा लगातार छह महीने तक आंदोलन किया गया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और सीएम की फटकार पर अब कंपनी रोजगार देने की दिशा में भी काम कर रही है।

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