नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड लागत कम करने के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं के संबंध में दो हिस्सों में टेंडर जारी करेगी। कंपनी सौर पैनलों की खरीद स्वयं करेगी और निर्माण संबधी कार्यों के लिए ईपीसी कंपनियों से निविदाएं मंगाएगी। एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इससे सौर ऊर्जा की लागत कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि वे अपनी लागत के हिसाब से बड़ी मात्रा में सौर पैनल खरीदेंगे। एक सौर ऊर्जा प्लांट की कुल लागत में सौर पैनल की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है। ‘बैलेंस ऑफ सिस्टम्स‘ टेंडर या परियोजना के निर्माण का कार्य अलग से इंजीनियरिंग सामान खरीदने और बनाने वाली कंपनियों (ईपीसी) को दिया जाएगा।
अभी तक परियोजना के सभी काम दूसरी कंपनियों को दे दिए जाते थे, जिसमें से ईपीसी कंपनियां सामान की खरीदारी से लेकर निर्माण तक का काम देखती थीं। एनटीपीसी के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि भविष्य में कंपनी अलग-अलग हिस्सों के लिए अलग कंपनियों को काम सौंपने संबंधी निविदाएं जारी कर सकती है और इन्हें बाद में एक साथ जोड़ा जा सकता है। कंपनी का कहना है कि यह किसी अग्रिम बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के बिना सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर काम करने की योजना का हिस्सा भी है।
एनटीपीसी किसी भी राज्य या बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर किए बिना सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना बना रही है। यह पहले ही उत्तर प्रदेश में 90-मेगावाट की ऐसी सौर परियोजना स्थापित कर चुकी है। अगले पांच वर्षों में 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की अपनी योजना के हिस्से के रूप में, एनटीपीसी निजी कंपनियों की बोली लगाने के बजाय अपनी स्वयं की नवीकरणीय परियोजनाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि करना चाहती है। अधिकारी ने बताया कि हम निजी कंपनियों से अक्षय ऊर्जा की खरीद और फिर राज्य सरकारों को बेचना चाहते हैं। मार्जिन काफी कम है।‘
एनटीपीसी ने लगभग 3,600 मेगावाट की परियोजनाएं शुरू की हैं जहां से वह बिजली खरीदती है। इनमें से 3000 मेगावाट की परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न स्तरों पर हैं। कंपनी की अगगले वर्ष की योजना है कि इस मॉडल के तहत केवल 1,200 मेगावाट की परियोजनाओं को ही बोली के लिए रखा जाए। फिलहाल एनटीपीसी के पास 900 मेगावाट से अधिक की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं हैं जिनमें से 870 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 50 मेगावाट पवन ऊर्जा से संबंधित हैं। कंपनी की कुल स्थापित क्षमता 57,356 मेगावाट है।